सबसे पहले दूसरे कॉरीडोर के प्रायोरिटी कॉरीडोर में काम शुरू किया जा रहा है। यह हिस्सा राजेंद्र नगर से मलाही पकड़ी होकर जीरोमाइल होते हुए न्यू आईएसबीटी तक है। करीब सात किलोमीटर लंबे इस हिस्से में काम तेजी से इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि अधिकांशत: यहां मेट्रो एलीवेटेड (जमीन से ऊपर) ही गुजरेगी। भूमि अधिग्रहण की भी ज्यादा दि’क्कत नहीं है, क्योंकि ज्यादातर सरकारी जमीन है। छठ के मौके पर मिट्टी की जांच का काम मलाही पकड़ी से आरंभ हो गया।
यह काम डीएमआरसी ने राजस्थान की कंसल्टिंग इंजीनियर्स ग्रुप लिमिटेड को सौंपा गया है। कंपनी द्वारा अंडरग्राउंड वाले हिस्सों में जमीन के नीचे 40 फीट तक से मिट्टी के नमूने लेकर जांच की जा रही है। वहीं एलीवेटेड हिस्से में भी पिलर के लिए 25 से 30 मीटर नीचे से सेंपल लिए गए हैं।
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