इसलिए ठंड की शुरुआत के साथ ही इन प्रसादों का उपयोग करते रहना चाहिए। आयुर्वेद की डॉक्टर कृष्णा सिंह ने बताया कि आयुर्वेद में आंवला, नारियल, गन्ना, अदरक को औषधि माना गया है। यह प्रसाद ठंड भर औषधि के रूप में इस्तेमाल करते रहना चाहिए। वहीं निर्जला व्रत से शरीर के विभिन्न अंगों में ऊर्जा का संचार होता है। यह सालभर व्रतियों को कई रो’गों से बचाकर रखता है।गन्ना न सिर्फ पाचन को ठीक रखता है, बल्कि यह वजह कम करने में भी सहायक होता है। ह्दय रो’गियों के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही ठंड में त्वचा में निखा’र लाता है। नारियल में विटामिन और मिनरल्स प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इससे न सिर्फ रो’ग प्रतिरो’धक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि शरीर में पानी की कमी को दूर करता है।
इसमें पाए जाने वाले फाइबर पेट के लिए फायदेमंद रहता है। नींबू ठंड में खराब हो रहे गले, कब्ज और मसूड़ों की स’मस्याओं को दूर करता है। तनाव को दूर रखने के साथ यह त्व’चा में चमक पैदा करता है।हल्दी डायबिटीज की संभावना को कम करता है। खून साफ रखता है। शरीर में होने वाले सूजन को कम करता है। साथ ही रो’गप्रतिरोधक क्ष’मता को बढ़ाता है। मूली पाचन शक्ति को बढ़ाता है। बीपी और डायबिटीज को नि’यंत्रित रखता है। केला कब्ज दूर करता है। आंतों के सूजन को कम करता है। भूख बढ़ाता है। अदरक घुटनों में होने वाले द’र्द को कम करता है। कफ और सर्दी को कम करता है। आंवला ब्ल’ड प्रेशर, आंखों की रोशनी व दस्त में आराम पहुंचाता है।
Leave a Reply