अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के शांत होने के 2 दिन बाद बिहार के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजभवन मार्च निकाला गया। युवाओं के इस मुद्दे को लेकर आरजेडी के सभी नेताओं के साथ-साथ लेफ्ट के नेता शामिल रहे। इस मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव भी शामिल हुए।
सैकड़ों की संख्या में आरजेडी के नेता और विधायक इस मार्च के समर्थन में विधानसभा से राजभवन तक पैदल चलकर आए। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को ज्ञापन सौंप दें राजभवन गया।
अग्निपथ योजना के विरोध में विपक्ष के नेताओं काफी आक्रोश है। आरजेडी नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा कहते हैं कि आंदोलन सड़क से सदन तक चलेगा। केंद्र सरकार ने बिना तर्क के इस तरह की योजना लांच की है। जाहिर सी बात है अग्निपथ की योजना को लेकर आम युवाओं में आक्रोश है क्रोध है। क्योंकि कोई भी अपने भाई भतीजा या फिर मैं भी अपने घर से किसी को अग्निपथ योजना में के तहत नौकरी नहीं करने दूंगा।

विरोध मार्च के दौरान पुलिस कर्मी।
अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार के लगभग सभी जिलों में आंदोलन हुए। 15 ट्रेनें फूंक दी गई। तोड़फोड़ हुए, लूटपाट हुई, यहां तक की भाजपा के डिप्टी सीएम रेणु देवी, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कई विधायकों पर हमले हुए। हालांकि 3 दिनों तक चले आंदोलन में संपत्तियों का नुकसान तो हुआ लेकिन 3 दिन के बाद पुलिस ने सब कुछ संभाल लिया। लेकिन, तेजस्वी यादव ने 22 जून को विधानसभा से लेकर राजभवन में पैदल मार्च करने का आह्वान किया था।
इसमें कांग्रेस छोड़कर महागठबंधन के सभी दल शामिल हुए। आरजेडी विधायकों की माने तो यह राजनीति नहीं है, बच्चे शांत नहीं हुए हैं, वह पुलिस के डर से दुबके हुए हैं। केंद्र सरकार और बिहार सरकार मिलकर इस आक्रोश को दबा रही है। जब तक अग्निपथ योजना वापस नहीं होगा तब तक आंदोलन यूं ही चलता रहेगा।



Leave a Reply