राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदू’षण का स्तर तेजी से बढ़ने के साथ ही आ’रोप- प्र’त्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार ने प्र’दूषण बढ़ने का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फो’ड़ा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन (National Aeronautics and Space Administration) की सेटेलाइट से जारी तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि 24 घंटे में हरियाणा और पंजाब में पराली ज’लाने की घट’नाएं ते’जी से बढ़ी हैं। इसकी वजह से ही दिल्ली गैस के चैंबर के रूप में बदल गई है। दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है कि पंजाब एवं हरियाणा राज्य में पराली ज’लाने की घ’टनाओं में काफी वृ’द्धि हुई है।
सोमवार को जहां 1654 जगहों पर पराली जलाई गई थी। वहीं मंगलवार को यह संख्या 2577 पहुंच गई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर द्वारा बताया गया है कि पराली ज’लाने के कारण दिल्ली में पहुंचे प्र’,दूषक कणों की वजह से इस वर्ष दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदू’षण का स्तर द’र्ज हो सकता है। हवा उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही है। इससे प्र’दूषण का स्तर काफी बढ़ गया है।आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रवक्ता दिलीप पां’डेय ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में इस साल पराली जलाने के मा’मलों में वृद्धि हुई है। इसकी वजह से दिल्ली में प्रदू’षण ते’जी के साथ बढ़ रहा है।
वहीं इस स’मस्या के समाधान को लेकर केंद्र व पड़ोसी राज्य की सरकारों द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है और सभी शांत बैठे हैं।दिलीप पांडेय ने कहा कि दिल्ली के वायु में भारी वृद्धि हुई है। इससे दिल्ली एक गैस चैंबर बन गई है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार राज्य में पिछले साल 27 अक्टूबर तक पराली जलने की घट’नाएं 9,600 द’र्ज की गई थीं, जबकि इस साल यह आंकड़ा 12,027 हो गया है। पराली जलाने के बढ़ते मा’मलों के कारण ही प्रदू’षण में वृ’द्धि हुई है।पांडेय ने कहा कि प्रदू’षण दिल्ली के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। 26 और 27 अक्टूबर को पराली जलाने के मा’मलों में उल्लेखनीय वृ’द्धि द’र्ज की गई है। 26 अक्टूबर को 2,805 मा’मले द’र्ज किए गए थे, 27 अक्टूबर को यह संख्या 2,231 अंक को छू गई।
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