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अब तेजप्रताप बताएंगे, लालू प्रसाद को कैसे फंसाया गया, कल से न्याय यात्रा की शुरुआत

RJD (राष्ट्रीय जनता दल) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पांच साल की सजा दी जा चुकी है। बांका मामले की सुनवाई की जा रही है। लालू प्रसाद के समर्थक यह मानने को हरगिज तैयार नहीं हैं कि लालू प्रसाद दोषी हैं। उनके दोनों बेटे भी कह चुके हैं कि सामाजिक न्याय और आपसी सद्भाव की लड़ाई लड़ने की वजह से लालू प्रसाद को घेरा जा रहा है।

अब उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव 27 फरवरी से न्याय-यात्रा की शुरुआत करेंगे। छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजप्रताप यादव हरी झंडी दिखाकर न्याय-रथ को रवाना करेंगे। यह वही छात्र जनशक्ति परिषद है जिसका गठन छात्र राजद में विवाद के बाद तेजप्रताप यादव ने किया था। परिषद के गठन के बाद तेजप्रताप यादव ने गांधी मैदान से जेपी आवास तक खाली पैर पद यात्रा भी की थी। तेज ने राष्ट्रपति को पोस्टकार्ड लिखने का अभियान भी चलाया था।

बिहार के तमाम जिलों में जिला अध्यक्ष रथ का संचालन करेंगे
न्याय-यात्रा की शुरुआत राजधानी पटना से होगी। तेजप्रताप यादव इसे रविवार 27 फरवरी को दोपहर डेढ़ बजे अपने 2 एम स्ट्रेंड रोड से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। जानकारी है कि बिहार के हर जिले में भी यह न्याय-रथ घूमेगा। छात्र जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप ने भास्कर को बताया कि बिहार के तमाम जिलों में जिला अध्यक्ष के संचालन में रथ चलाया जाएगा। रथ बिहार के गांवों में जाकर प्रदेश से लेकर प्रखंडो में हो रहे घोटाला और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करेगा।

तेज का सवाल- नीतीश कुमार पर भी गंभीर आरोप लगे, लेकिन…
बता दें कि तेजप्रताप यादव ने पहले ही कहा है कि लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय की लड़ाई लगातार लड़ी। संसद से सड़क और जेल तक उन्होंने इसकी लड़ाई लड़ी। लालू प्रसाद की इस लड़ाई के लिए खून भी बहाना पड़े तो बहाएंगे। तेजप्रताप यादव ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे कई विभागों में बड़ा घोटाला हुआ। नीतीश कुमार पर भी गंभीर आरोप लगे पर उन्हें क्यों जेल नहीं भेजा गया?

माहौल बनाने की कोशिश
तेजप्रताप यादव का न्याय-रथ बिहार में घूम-घूम कर बताएगा कि लालू प्रसाद को सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के कारण कैसे फंसाया गया और केन्द्र व वर्तमान बिहार सरकार में किस-किस तरह के घोटाले हो रहे हैं! यह सभी जानते हैं कि न्याय- रथ निकालने का असर कोर्ट के जजमेंट पर नहीं पड़ेगा लेकिन इससे एक राजनीतिक माहौल जरूर बनेगा। जानकारी है कि रथ को हरी झंडी दिखाते वक्त पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी मौजूद रह सकती हैं लेकिन इसकी पुष्टि परिषद ने नहीं की है।

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