बर्तन बाजार समेत में बाकी सेक्टर में भी करीब 50 करोड़ रुपए के सामान बिके। खास बात यह रही कि मंदी व बाजार के सुस्त होने की तमाम आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं। रिषभ ऑटोमोबाइल के जीएम संतोष सिंह ने बताया कि बाजार में सुबह से ही गाड़ियों की डिलीवरी शुरू हुई तो देर रात तक चलती रही। वहीं, दोपहर से लेकर देर रात तक बर्तन बाजार, सर्राफा बाजार और इलेक्ट्रॉनिक तथा होम अप्लायंसेस के सामानों की बंपर बिक्री व डिलीवरी हुई। हथुआ मार्केट तनिष्क के ऑन्र रोहन अग्रवाल ने बताया कि उम्मीद के अनुरुप कारोबार हुआ। राजधानी में 200 करोड़ के सर्राफा की बिक्री हुई। वहीं, आदित्य विजन के एमडी निशांत प्रभाकर ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक व होम अप्लायंसेस के सामान खूब बिके। अकेले पटना में 100 से 110 करोड़ के बीच के सामान बिके। वहीं, बर्तन बाजार में भी खू’ब रौनक रही। परंपरागत बर्तन के अलावा चांदी के बर्तनों की भी खू’ब खरीदी हुई।
पटना में पांच से आठ करोड़ रुपये के बर्तन की लोगों ने खरीदी की। कंकड़बाग, बोरिंग रोड, अशोक राजपथ और कदमकुंआ में बर्तन बाजार की रौनक पिछले वर्ष से अधिक रही। चार पहिया वाहनों के कमोबेश सभी डीलरशिप में गाड़ियों का स्टॉक खत्म हो गया। विभिन्न एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में पांच हजार से अधिक चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई। मारुति की एक डीलरशिप के सीईओ अमोद सिंह ने बताया कि इस बार उम्मीद से अधिक गाड़ियों के बिकने से ऑटोमोबाइल का बाजार पटरी पर लौट आया। लोगों की एकाएक गाड़ियों की खरीदी के प्रति क्रेज बढ़ने से स्टॉक खाली हो गये। वहीं, दो पहिया बाजार में 10 हजार से अधिक वाहन बिके।
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