बिहार के मधेपुरा में प्रसिद्ध शिव मंदिर सिंहेश्वर धाम को प्रशासन ने इस सावन के लिए भी बंद कर दिया है। वजह, वही कोरोना है। हालांकि, सावन के प्रवेश करते ही रविवार को सिंहेश्वर मंदिर में बाबा भोले के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगी। आस्था के नाम पर हरेक तरह की सावधानी को लोगों ने ताक पर रख दिया और प्रशासन ने भी जैसे अपने हथियार डाल दिए।
इस दौरान जहां-तहां लोग पूजा भी करते देखे जा रहे हैं। न मास्क है, न सोशल डिस्टेंसिंग।
रविवार के बावजूद दर्शन के लिए आ रहे लोग
सावन शुरू होते ही सिंहेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर में लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं। मंदिर के भीतर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। पूर्व सूचना के बाद भी मंदिर के आस-पास काफी भीड़ देखी जा रही है।
दूर-दूर से लोग रविवार होने के बावजूद दर्शन के लिए आ रहे हैं। इस दौरान जहां-तहां लोग पूजा भी करते देखे जा रहे हैं। न मास्क है, न सोशल डिस्टेंसिंग। वैसे तो मंदिर परिसर में छोटे-मोटे दुकानों से अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले दुकानदारों की अपनी ही समस्या है। मंदिर परिसर में पूजा नहीं होने से उनका व्यवसाय एक बार फिर ठप हो गया है। रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ यहीं हुआ
बिहार के प्रसिद्ध शिव मंदिर सिंहेश्वर धाम का अपना विशेष महत्व है। बताया जाता है कि ऋषि श्रृंग ने इसी तपोभूमि पर राजा दशरथ के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। यहां सावन की सोमवारी, भादो मास के रविवार के साथ महाशिवरात्रि में बड़ी संख्या में लोग बाबा भोले का जलाभिषेक करने आते हैं। सावन में तो बहुत से लोग कांवर लेकर भी यहां पूजा करने आते हैं। लोगों की मान्यता है कि बाबा सिंहेश्वर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरा करते हैं।
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