भारत में हर साल सामने आने वाली आग की दुर्घ’टनाओं में बहुत से लोग अपनी जा’न गंवाते हैं। इसके साथ ही व्यवसाय के लिए भी ये अग्निकांड बड़ा ख’तरा बनते जा रहे है। दिल्ली में अनाज मंडी का दूसरा रास्ता कुरैश नगर से आता है, जिस तरह से फिल्म गैं’ग ऑफ वासेपुर में कु’रैशियों का राज चलता है, ठीक इसी तरह से यहां इनका द’बद’बा है। अ’वैध रूप से चल रही फैक्ट्रियां, जिनकी जमीन पर चल रही हैं। उनके खि’लाफ का’र्रवाई करने से पुलिस व निगम के अफसर भी कत’राते हैं।रविवार को ऐसा ही नजारा दिखाई दिया। दरअसल कुरैश नगर के दूसरे रास्ते पर 10 से 12 लोग हाथ में डंडे लेकर चौकीदारी कर रहे थे, ताकि अ’वैध फैक्ट्रियों की पोल खुलने से बच जाएं।
इन द’बंगों का काम मीडिया व अन्य लोगों को घट’नास्थल तक पहुंचने से रोकना था।घर-घर में फैक्ट्री, शनिवार को भी लगी थी आग अनाज मंडी, बाड़ा हिंदू राव, कु’रैश नगर सहित आसपास के इलाके का शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जहां अवैध फैक्ट्री न चल रही हो। स्थानीय निवासियों के मुताबिक शनिवार को दिन में कुरैशनगर की एक फैक्ट्री के तीसरे मंजिल पर आ’ग भी लगी थी। उन्होंने बताया कि कपड़ा, गत्ता, टोपी , खिलौना सहित कई तरह की फैक्ट्रियां यहां पर चल रही हैं। यहां के लोगों ने बताया कि फैक्ट्री चलाना कोई बड़ी बात नहीं है, सारी फैक्ट्रियां अ’वैध है। इन्हें चलाने के लिए पुलिस और निगम के अधिकारियों से र्सेंटग करनी पड़ती है।भोर में हा’दसे का पता लगा, सुबह से तला’श शुरू हुई।
लेकिन, यह ऐसी तला’श थी जो खत्म ही नहीं हो रही थी। सुबह से यहां से वहां अपनों की तला’श दोपहर बाद करीब पौने तीन बजे उनकी मौ’त की खबर के साथ ख’त्म हुई। दिन भर यह इंतजार था कि कहीं से घा’यल होने की खबर मिलेगी, लेकिन दोपहर बाद पौने तीन बजे जब एलएनजेपी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जब एक पुलिसकर्मी ने अ’ग्निकां’ड में जा’न गं’वा चुके लोगों की फोटो मोबाइल पर दिखानी शुरू की तो परिजनों की आंखें न’म हो गईं। उत्तर प्रदेश और बिहार में रहने वाले मृ’तकों के परिजन को फोन पर सू’चना देने के दौ’रान भी लोग फ’फक’कर रो पड़े।
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