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नीतीश सरकार ने स्वीकार ली बिहार के शिक्षा मानकों में पिछडने की बात, शिक्षा मंत्री ने सदन में दिया जवाब

पटना. शिक्षा के मामले में बिहार राज्य के पिछडऩे के मुद्दे पर बहस शुरू हुई तो सरकार की ओर से भी इस तथ्य को स्वीकार्य कर लिया गया है. बिहार विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में बिहार की शिक्षा के गिरते स्तर पर सवाल किया गया था. विधायक समीर महासेठ इस पर सवाल किया था और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सदन में इसी को लेकर दिए गए जवाब में कहा कि नीतीश सरकार ने मान लिया है कि नीति आयोग के मुताबिक बिहार शिक्षा के मानकों पर पिछड़े पांच राज्यों में शामिल है.

गौरतलब है कि बिहार में कानून व्यवस्था के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के मुदुदे विपक्ष के निशाने पर रहते हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े होने पर विधानसभा में यह सवाल पूछा गया था. विधायक समीर महासेठ द्वादा शिक्षा को लेकर पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार की ओर से इस बात को मान लिया गया है कि बिहार नीति आयोग के अनुसार शिक्षा मानकों के  मामले में पांचवें नम्बर पर है. शिक्षक बहाली मामले में मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि शिक्षकों के लिए परीक्षा ली जा रही है.

मंत्री ने कहा प्रथम श्रेणी में पास हो रहे बिहार के अधिकांश बच्चे

उन्होंने कहा कि न्यायालय ने जो बहाली पर रोक लगाई है उसके लिए  परमिशन ली जा रही है. उन्होंने कहा कि 2017 -18 में 2000 माध्यमिक और 4000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की स्थापना कराई गई है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार में लगातार शिक्षा के क्षेत्र में काम हो रहा है. इसका परिणाम बढ़ा है. अधिकांश बच्चे प्रथम श्रेणी में पास हो रहे हैं. उन्होंने सदन को बताया कि प्रदेश में पाटलिपुत्र, पूर्णिया और मुंगेर यूनिवर्सिटी खोली गई है. सरकार लगातार शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रयास कर रही है. सदन में पूछे गए सवालों के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि 8385 पंचायतों में उच्चमाध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई है.

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