नीचे से ऊपर तक के सरकारी तंत्र में ग’ड़ब’ड़ करने वालों पर निगाह रखें। अगर पदाधिकारी पूरी प्रतिबद्धता से मन बना कर काम करेंगे तो कोई भी बच नहीं पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श’राबबं’दी बहुत बड़ा सामाजिक सुधार का कार्य है। इससे समाज को काफी ‘फायदा हो रहा है। ग’ड़बड़ मानसिकता के चंद लोग हैं, जो इस धं’धे में अभी भी लगे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है कि श’राब पीना और इसका व्यवसाय करना मौलिक अधिकार नहीं है। पूरे देश में बच्चे एवं महिलाओं में श’राब पीने के खि’लाफ असंतोष है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले शराब के वाहन तो पकड़े ही जा रहे हैं, उसके वास्तविक कारोबारी को प’कड़ने के लिये सीमावर्ती राज्यों के पदाधिकारियों से भी सहयोग लेते रहें। सिर्फ वाहन चालक और खलासी को गि’रफ्तार करने से काम नहीं चलेगा।उन्होंने कहा कि श’राबबं’दी को प्र’भावी बनाने के लिए आईजी प्रोहिबिशन के तंत्र को वि’कसित किया गया है।
इसे और प्रभा’वी बनाने की जरूरत है ताकि लक्ष्य के अनुरूप त्वरित परिणाम सामने आ सके। शराब से जुड़े कारोबारी एवं इसके उपयोग करने वालों की सूचना मिलने पर पदाधिकारी कितनी जल्दी पहुंच कर रेड करते हैं कि नहीं, इसकी निगरानी करते रहें। सिर्फ रूटीन काम से कामयाबी नहीं मिलेगी। प्रतिदिन आधे घंटे का समय निकालकर इसकी मॉनिटरिंग करें। आईजी प्रोहिबिशन के साथ-साथ एक्साइज, स्पेशल ब्रांच और पुलिस, आईटी विभाग सभी आपस में समन्वय बनाकर काम करें। सभी थानों से शपथ पत्र लिया गया है ताकि उस इलाके में शराब का अवैध कारोबार न हो। इसका अनुपालन हो रहा है या नहीं, इसे देखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जिलों में कार्यशाला आयोजित कर पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को मद्य निषेध नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए किये गये कार्यों की जानकारी दी गयी है। इस तरह की कार्यशाला सभी जिलों में आयोजित कर, पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करें। बैठक में आईजी प्रोहिबिशन और मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण कर शराबबंदी को लेकर की गई कार्र’वाई की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, एडीजी स्पेशल ब्रांच जेएस गंगवार, एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वमा और अनुपम कुमार, आईजी प्रोहिबिशन रत्न संजय आदि उपस्थित थे।
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