सनातन धर्मावलंबियों के शादी-विवाह की शहनाइयां मंगलवार से गूंजने लगेंगी। सड़कों पर बैंड-बाजा के साथ नाचते-गाते बाराती दिखेंगे। इस वर्ष के आखिरी दो महीने नवंबर और दिसंबर में शादी के दर्जनभर शुभ मुहूर्त हैं। शहर के प्रमुख होटल, वैक्वेट हॉल व सामुदायिक भवनों की बुकिंग पहले ही हो चुकी है। करीब महीनेभर पटना के कैटरर, पंडित व बैंड-बाजे वाले व्यस्त हो जाएंगे। 12 दिसंबर के बाद फिर खरमास के चलते महीने भर तक शादी के लग्न नहीं होंगे। इधर, विवाह के लग्न को देखते हुए बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ गयी है।
बनारस पंचांग में आज से शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पीके युग ने ऋषिकेश पंचांग के हवाले से बताया कि मंगलवार से विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। मंगलवार को गुरु का धनु राशि में तीन अंश होना गुरु के त्रिबल शुद्धि को दर्शाता है। यह मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। वहीं शुक्र का धनु राशि की ओर अग्रसर होना भी त्रिबल शुद्धि को बल देता है। सूर्य का वृश्चिक संक्रांति भी रविवार से शुरू हो चुका है। सूर्य भी करीब वृश्चिक राशि में दो अंश को पार कर चुके हैं। यह विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अति शुभ है। इस वर्ष अब कुल 13 विवाह मुहूर्त ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस वर्ष अब सिर्फ 13 शुभ विवाह मुहूर्त हैं। नवंबर में 19 से 30 तारीख तक कुल 8 मुहूर्त हैं। दिसंबर में 12 तारीख तक पांच शुभ विवाह मुहूर्त बन रहे हैं।
मिथिला पंचांग में 20 से विवाह के मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य विपेंद्र झा माधव ने विभिन्न पंचांगों के आधार पर बताया कि विश्वविद्यालय पंचांग में 20 नवंबर से शुभ मुहूर्त शुरू होगा। नवंबर में छह और दिसंबर में 12 तक पांच शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। 13 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा। इसके बाद 15 जनवरी 2020 से शादी व्याह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। ज्योतिषी युग के मुताबिक 2020 में महज जनवरी से जून के बीच कुल 45 शुभ विवाह मुहूर्त बन रहे हैं। जनवरी 15 से 31 तारीख के बीच 16 दिन में दस मुहूर्त हैं। फरवरी में सबसे अधिक 13 मुहूर्त हैं। मार्च और जून में केवल छह मुहूर्त हैं, जबकि मई में दस मुहूर्त हैं।ज्योतिषाचार्य युग के अनुसार शादी-व्याह के शुभ मुहूर्त के लिए गुरु और शुक्र का खास महत्व है। गुरु व शुक्र की व्यवस्था के हिसाब से लग्न निर्धारण की परंपरा है।
पर वैदिक परंपरा में गुरु के बक्री होने और शुक्र के अस्त होने की स्थिति में विवाह के शुभ लग्न निषेध माना गया है। पुरुषों की शादी के शुभ मुहुर्त के लिए शुक्र और लड़कियों के लिए गुरु का मजबूत होना जरूरी है। इसमें से किसी एक के भी क’मजोर होने से शादी के बढ़िया शुभ मुहूर्त नहीं बनते हैं।माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, अगहनशादी केलिए शुभ लग्न और नक्षत्र -वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु व मीनशुभ नक्षत्र: रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भद्र, उत्तरा अषाढ़।सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा व हस्त नक्षत्र का रहना जरूरी।
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