नालंदा के एक नागरिक एमएम शरीक अख्तर को उसकी बहादुरी के लिए दस हजार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।उन्होंने पुलिस कर्मियों को जनता के प्रति संवेदनशील बनने और उनका विश्वास जीतने की सलाह देते हुए आम लोगों से भी अपील की कि वे केवल पुलिस में दोष ही न निकालें बल्कि उसके अच्छे कार्यों की सराहना भी करें। हमारे सकारात्मक पक्ष को भी देखें। अप’राध नियंत्रण में जन सहयोग जरूरी है। पुलिस पर ह’मले की बढ़ती घ’टनाओं के मद्दे’नजर यह चे’तावनी भी दी कि पुलिस अगर गांवों में अपने वैधानिक दायित्व के निर्वाह के लिए जाती है और उसपर ह’मले हुए तो हम’लावरों को ब’ख्शा नहीं जाएगा। राज्य में किसी को भी गुं’डाग’र्दी की इ’जाजत नहीं है। पुलिस वैसे तत्वों से स’ख्ती से नि’पटेगी।राज्य में सा’इबर क्रा’इम और नक्स’लवाद को पुलिस के समक्ष चु’नौती बताते हुए कहा कि दस माह में 12 मुठभेड़ों में 09 न’क्सली मा’रे गए और 185 कु’ख्यात अप’राधियों को प’कड़ा गया जिनमें 21 पर तो इनाम भी ‘घोषित था। 76 उ’ग्रवादी गि’रफ्तार किए गए और बड़े पैमाने पर एके-47 जैसे प्रति’बंधित हथि’यारों की ब’रामदी की गयी।
न’क्सलियों का लगभग सफाया किया जा चुका है और सा’इाबर क्रा’इम से नि’बटने के लए सभी जिलों में सा’इबर यूनिट स्थापित की गयी है। पांच ज’धन्य मा’मलों मे पांच अप’राधियों को अ’दालत से मृ’त्युदं’ड और 1307 को आजीवन का’रावास की सजा दिलायी गयी है। इसके साथ ही यह भी कहा कि राज्य के सभी श’स्त्र लाइ’सेंसधा’रियों का भैतिक स”त्यापन कराया जाएगा। नगालैंड और अन्य पूर्वी राज्यों से प्राप्त ज्यादातर ला’इसेंस फ’र्जी हैं।उन्होंने अप’राधों के वैज्ञानिक अनुसंधान पर जो’र देते हुए कहा कि नालंदा पुलिस अकादमी को सभी साधनों से लैस कराकर आदर्श प्रशिक्षण संस्थान बनाया गया है। अभी हमारे पास साढ़े बारह हजार पुलिसकर्मियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। राज्य के सभी थानों को नेट से राज्य मुख्यालय से जोड़ने की दिशा में कार्य चल रहा है। अभीतक पटना और नालंदा जिलों के 61 थाने इस सिस्टम से जोड़े जा चुके र्है। 182 भूमिहीन थानों के लिए जमीन का अधिग्रहण चल रहा है। सभी में बैरक और शौ’चालय बनाए जा रहे हैं। साधनों की कोई कमी नहीं है। पुलिस फो’र्स में महिलाएं 35 प्रतिशत हैं , इसलिए उनकी सुविधाओं का ख्याल किया जा रहा है।
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