शुक्रवार की सुबह उनकी अस्पताल में ही मौ’त हो गई। उनके परिजन युगेश ने 102 डा’यल कर फोन किया तो जवाब मिला कि श’व वाहन नहीं है। उन्हें निजी वाहन का स’हारा लेना पड़ा। अस्पताल परिसर में रोज मरी’जों के परिजन श’व वाहन के लिए भ’टकते हैं। पीएमसीएच में 102 सेवा के तहत कुल छह गा’ड़ियां हैं। इनमें से तीन बेसिक एंबुलेंस है, एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है जबकि दो श’व वाहन हैं पर सुविधा नहीं मिल पा रही है।पीएमसीएच में दो श’व वाहन हैं पर अभी एक भी चालू नहीं है। आठ नवंबर के बाद से श’व वाहन सेवा बंद है। श”व वाहन (गाड़ी संख्या बीआर 01 पीई 3416) के चालक कामता शर्मा ने बताया कि ‘प्र’दूषण जांच में फे’ल होने और कागजात नहीं होने पर गाड़ी को गांधी मैदान थाना में ज’ब्त कर लिया गया।
दूसरे गाड़ी संख्या बीआर 01 पीई 3408 की सेवा दो नवंबर से ही बंद है। यह दीघा के शोरूम में बनने गया है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने श’व वाहनों की स्थि’ति के बारे में पूछने पर कहा कि इसके बारे में उपाधीक्षक डॉ. रणजीत कुमार जमैयार से बात कीजिए। वहीं, अस्पताल के वाहन प्रभा’री हैं। उपाधीक्षक ने पूछने पर अधीक्षक से बात करने को कहा है।पीएमसीएच के दोनों श’व वाहन अक्टूबर व नवंबर में केवल 74 मृ’तकों को ही पहुंचा सके हैं। दोनों के लॉग बुक बताते हैं कि अक्टूबर में 59 मृतकों को जिलों में पहुंचाया गया है, जबकि इस माह दोनों ने केवल 15 मृ’तकों को ही गंत’व्य तक पहुंचाया है।
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