इस्लामनगर के भुसैया गांव का प्राथमिक स्कूल के छात्र छात्राओं की शिक्षा मास्टरों के भरोसे नहीं भगवान के भरोसे है। यहां 9.30 बजे तक स्कूल के ताले नहीं खुलते। 10 बजे के पहले कभी मास्टर नहीं आए और एक दो घंटे बैठकर निकल जाते हैं। बच्चे तय समय पर आते हैं और वे भी खेलने कूदने के बाद मास्टर आने से पहले घरों पर रवाना हो जाते हैं।
न तो एमडीएम बनता है और न ही पढ़ाई होती। शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। बच्चे तय समय पर आए। शिक्षकों के न आने से स्कूल में खेलते रहे और फिर 9.30 बजे के बाद वापस चले गए। ग्रामीणों ने इसकी शि’कायत डीएम से की है।
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