#DELHI अ’ग्निकां’ड; बिहार के 30 लोगों की मौ’त, देखें मृ’तकों की लिस्ट…
December 9, 20190
दिल्ली के भी’षण अ’ग्निकां’ड में बिहार के 29 लोगों की इह’लीला समाप्त हो गई। मृ’तकों में सहरसा और अररिया के नौ, समस्तीपुर के 11, सीतामढ़ी के बोखरा के पांच, मधुबनी, सुपौल और बेगूसराय के 1-1 और मुजफ्फरपुर के दो लोग शामिल हैं। इस घ’टना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी संवेदना जताई है।रविवार को अगलगी की घ’टना की जानकारी मिलते ही श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने श्रमायुक्त धर्मेन्द्र सिंह को दिल्ली भेज दिया। बिहार सरकार के निर्देश पर श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी हरेक बिहारी मृ’तक के परिजनों से सम्पर्क साध रहे हैं।
दिल्ली में रह रहे मृ’तक बिहारियों के परिजन अगर पैतृक गांव में अं’त्येष्टि कराना चाहेंगे तो बिहार सरकार उनको अपने खर्चे से दिल्ली से संबंधित जिलों में ले जाने की व्यवस्था करेगी। वहीं जिनके परिजन दिल्ली में नहीं होंगे, उनको बिहार सरकार दिल्ली ले जाने की व्यवस्था करेगी। सरकार की घोषणा के अनुसार हरे’क मृ’तक के परिजनों को दो-दो लाख का अनुग्रह अनुदान बिहार सरकार की ओर से दिया जाएगा।
मौ’त की सू’चना मिलते ही समस्तीपुर के सिंघिया प्रखंड के हरपुर, ब्रह्मपुरा व बेलाही गांव कोहराम म’च गया। मृ’तकों के घर में लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। घ’टना में तीनों गांवों के कई लोगों का पता नहीं चल रहा है। म’रने वाले व ला’पता लोग बैग फैक्ट्री में काम करते थे।
इस अ’ग्निकां’ड में सहरसा के जिन सात लोगों की जा’न गई है, उ’नमें छह शहर से सटे नरियार के रहने वाले थे। जबकि एक व्यक्ति नवहट्टा का था। बताया जा रहा है कि नरियार के अलावा जिले के दो दर्जन से अधिक लोग जैकेट की फैक्ट्री में काम करते थे। अभी तक परिजनों को अपनों के बारे में जानकारी तक नहीं मिल रही है। मृ’तक के परिजनों के मुताबिक, नरियार के मो. जुबैर की फैक्ट्री में सभी काम करते थे। स्थानीय होने के कारण लोग उसके साथ दिल्ली चले गए। अधिकांश जैकेट फैक्ट्री में सिलाई-कढ़ाई का काम करते थे। ठंड के कपड़े तैयार करने के लिए लोग जून माह में जाते थे और दिसंबर तक वापस लौट जाते थे। परिजनों के मुताबिक फैक्ट्री का मालिक जुबैर के पिता द्वारा भी पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है।
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