पिताजी जहां हम रहते हैं, वहां आ’ग लग गई है। हम नहीं बच पाएंगे। आप प’रेशान म’त होना और हमें मत ढूंढना। यह बात दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी इला’के इमारत में लगी आ’ग में फंसे इमरान ने मौ’त से पहले अपने पिता से कही थी। इमरान ने जब फोन किया था वह अपने दो भाइयों के साथ इ”मारत में मौजूद था। अपने ब’चने की उम्मीदें ख’त्म होने के बाद अपने पिता को फोन किया। इसके बाद उसका फोन क’ट गया और फिर कभी नहीं मिला। परिजनों ने दिल्ली में रहने वाले रिश्तेदारों को फोन किया और इमरान का पता लगाने के लिए कहा। लेकिन रविवार रात तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया।इमरान के भाई सोनू ने बताया कि रविवार सुबह जब घर में सब सोए हुए थे।
सुबह करीब 4.30 बजे दिल्ली से इमरान भाई का फोन आया। दो बार फोन क’टने के बाद तीसरी बार में पिताजी की नींद खुली। उन्होंने फोन उठाया और फोन उठाते ही इमरान भाई ने बस इतना कहा कि पिताजी आग लग गई है और हम नहीं बच पाएंगे। आप हमें मत ढूंढना और परे’शान म’त होना। उनकी बात सुनकर पिताजी चि’ल्लाकर पूछने लगे। जिससे घर के सभी लोगों की निंद खुल गई। पिताजी ने सभी को इमरान के फोन के बारे में बताया। जिसके बाद अपने चचेरे भाई शाहजाद के घर में आग लगने की जानकारी दी गई और दिल्ली में अपने रिश्तेदारों को फोन कर तीनों भाइयों की जानकारी पता लगाने की बात कही. रविवार दोपहर तक भीकमपुर से इमरान के रिश्तेदार दिल्ली आ गए।
उनके आने से पहले ही दिल्ली में रहने वाले रिश्तेदार तीनों भाई इमरान, इकराम और शाहजाद की तला’श कर रहे थे। लेकिन तीनों में से किसी का भी पता नहीं चला। रविवार देर रात तक तीनों भाइयों की तला’श में परिजन परे’शान हो रहे थे। इमरान के भाई सोनू ने बताया कि पुलिस और अस्पताल के लोग कोई मदद नहीं कर रहे और ना ही कुछ बता रहे हैं।
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