जिले में दो दिनों की रुक-रुककर बारिश और तेज हवाओं ने सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। स्थानीय स्तर पर जिले में करीब 200 सौ एकड़ में सब्जियों की फसल लगाई जाती है। बारिश से भारी पैमाने पर हुई सब्जी फसलों की बर्बादी होने के कारण लतर वाली सब्जियां पूरी तरह से गल कर खराब हो चुकी हैं। भिंडी की फसल अभी खड़ी है। इसलिए इसके दाम में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है। जबकि बारिश के बाद जहां अधिकांश हरी सब्जियां बाजार कम हो गई हैं। जिसका असर सभी प्रमुख सब्जियों पर पड़ी हैं और बेहद महंगी हो गई हैं। अब अधिकांश आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब हो गई है।
खेत में ही सड़ गयीं हरी सब्जियां, बढ़ गया बाजार भाव
सब्जी कारोबारी बृज मोहन ने बताया कि तीन दिन पहले सब्जियों के जो भाव चल रहे थे, उसमें उछाल आया है। डंठल वाली सब्जी भिंडी है, जो खेतों में पानी के बावजूद खड़ी रह गई। इसके दाम 60 रुपये प्रति किलो था, लेकिन आज इसमें मात्र 10 रुपये का उछाल आया है। इसके अलावा अन्य सभी सब्जियों के दाम में भारी उछाल है। एक सप्ताह पहले तक 30 रुपये किलो बिकने वाला बैंगन शनिवार को 45 रुपये प्रति किलो की दर पर बिका। 70 रुपये किलो बिकने वाला परवल भारी उछाल के साथ 100 रुपये किलो, 60 रुपये वाला नेनुआ 70 रुपये किलो, 20 रुपये किलो वाला कद्दू 30रूपये किलो दर पर उपलब्ध हो रहा है।
बंगाल से आनेवाली सब्जियां मिलेंगी और महंगी
थोक सब्जी कारोबारी ने बताया कि लोकल सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में अब सिर्फ फिलहाल बंगाल की सब्जियों का भरोसा रह गया है। यह और भी महंगा उपलब्ध होगा। झारखंड से पहाड़ी सब्जियों की आवक भी कम है। ऐसे में आगे अभी सब्जी की उपलब्धता में भारी कमी रहेगी। जो सब्जियां बाजार में उपलब्ध है, आगे भी काफी महंगी मिलने की संभावना है। पेपर में लपेट कर आप हरी सब्जियों को कई दिन तक ताजा रख सकते हैं। बारिश के मौसम मे ये सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं। ऐसे में मार्केट से लाते हीं इन्हें पेपर में लपेट कर रखें। पालक और मेथी जैसी हरी सब्जियों को ज्यादा दिन स्टोर करने के लिए इनकी डंठल काट कर भी रखें। इससे ये जल्दी खराब नहीं होगा।
Leave a Reply