मुजफ्फरपुर में बिजली विभाग ने शहीद खुदीराम बोस के नाम पर बिजली बिल भेजा दिया। इसमें 1.36 लाख से अधिक बिल भुगतान करने के लिए कहा गया है। बकाया भुगतान नहीं करने पर बिजली काटने की बात कही है। स्मारक स्थल के बाहर नोटिस भी चस्पाया गया है।
यह नोटिस शहीद खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी के बाहर लगाया गया है। हालांकि विवाद बढ़ा तो एसडीओ ने कहा कि गलती से शहीद खुदीराम बोस के नाम पर नोटिस निकल गया। स्मारक संचालित करने वाली कंपनी का नाम डालकर दोबारा भेजा जाएगा।
बिजली काटने की धमकी भी
देश के लिए शहीद होने वाले क्रांतिकारी खुदीराम बोस को नोटिस देकर बिजली विभाग ने शहीदों का अपमान पर लोगों में गुस्सा है। विभाग के सहायक अभियंता ने दस्तावेज के आधार पर शहीद स्मारक के नाम 1,36,943 रुपए का बकाया का जिक्र किया गया है। साथ ही धमकी भरे लहजे में लिखा गया है कि अगर आप एक सप्ताह के अंदर समय से बकाया भुगतान नहीं करते हैं तो स्मारक स्थल की बिजली काट दिया जाएगा।

बिजली विभाग की ओर से जारी नोटिस।
क्या बोले एसडीओ
बकाया बिल का भुगतान करने के बाद नए कनेक्शन की राशि भी देनी होगी। पूरे मामले को लेकर एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश का कहना है कि कंप्यूटर की गलती के कारण पत्र जारी हुआ है। शहीद स्मारक स्थल और भारत माता नमन स्थल सहारा इंडिया की ओर से संचालित किया जाता है। जल्द से सुधार कर सहारा इंडिया को नोटिस जारी किया जाएगा।

ज्ञान प्रकाश, एसडीओ पूर्वी जोन।
18 साल की उम्र में दी गई थी फांसी
शहीद खुदीराम बोस ने देश की आजादी की लड़ाई में किंग्सफोर्ड की बग्गी पर बम फेंका था। हालांकि, किंग्सफोर्ड मौजूद नहीं थे। दूसरे अधिकारी और उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। इसी मामले में उन्हें फांसी की सजा दी गई थी। इसके अलावा 6 दिसंबर 1907 को बंगाल के नारायणगढ़ रेलवे स्टेशन पर किए गए बम विस्फोट की घटना में भी बोस शामिल थे। महज 18 साल की उम्र में उन्हें फांसी दी गई थी।
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