मामला सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय क्षेत्र के छातापुर सरकारी अस्पताल की है। अस्पताल में आए हुए ग्रामीण म’रीजों से ई’लाज एवं बच्चा ईशु के नाम पर ए एनएम एवं डॉक्टरों की मिली भगत से की जा रही मोटी रक़म की उगाही। डॉक्टर की नियती बन चुकी है। प्राथ’मिक उप’चार के नाम पर जांच घरों, एक्सरे काउंटर,व अल्ट्रासाउंड, का चौखट सुं’घाया जाता है। वहीं प्रसव कराने आने वाली मरी’जों से करते हैं अवैध वसूली। स्वास्थ्य विभाग सेवाओं को लेकर चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन रो’गियों की परे’शानी बरकरार है। रो’गी के परिजनों से अ’वैध वसूली हो रही है।
इतना ही नहीं, दिनद’हाड़े दवा के नाम पर पैसे ठगे जा रहे हैं। थोड़ा-सा वि’रोध करने पर स्वास्थ्यकर्मी उनके साथ गा’ली-गलौ’ज करने से भी नहीं हि’चकिचाते। छातापुर सरकारी अ’स्पताल में इसका नजारा रोजाना देखने को मिल जाता है। अस्पताल में प्रस’व के लिए रेणु निशा,अपनी म’रीज रवीना खातून, के साथ पहुंची। प्रसव होने के बाद उससे खुशनुमा के नाम पर पैसे की मांग की।50 रुपए देने पर भ’ड़कते हुए उसके साथ अ’भद्र व्यवहार किया।
पी’ड़िता रे’णु निशा ने बताया कि मनमाफिक पैसे नहीं देने पर काफी खरी खोटी सुनायी।जबरन 200-300 रुपए लिये, तब जाकर शां’त हुई।अस्पताल में डा’यलोना,मेथरजीन,ऑक्सीटोक्सीन सहित कई दवाएं मौजूद हैं। लेकिन दवा रहते हुए भी बाहर से दवा लाने को कहा जाता है। कमीशन के च’क्कर में स्वास्थ्यकर्मी म’रीजों का आर्थिक शो:षण कर रहे हैं।
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