सकरा थाना क्षेत्र में दहेज के लिए बहू की हत्या के मामले में जेल में दस वर्ष की सजा काट रहे सजायाफ्ता बंदी राम अवधेश तिवारी की माैत मामले में गुरुवार काे मानवाधिकार आयाेग की टीम ने महिला बंदी गायत्री देवी का बयान लिया। बता दें कि काेविड-19 की पहली लहर में राम अवधेश की बात हाे गई थी। इस पर पत्नी गायत्री देवी ने आयाेग से इलाज में लापरवाही का आराेप लगाते हुए िशकायत की थी।
इस पर गवाही लेने के लिए राज्य मानवधिकार आयाेग की तीन सदस्यीय टीम जस्टिस शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में पहुंची और बयान लिया। जस्टिस सिंह ने बताया, मृतक राम अवधेश तिवारी, पत्नी गायत्री देवी व उनके बेटे पर दहेज के लिए हत्या करने का आराेप साबित हाे गया था। इसमें तीनाें दस साल की सजा सुनाई गई थी। काेविड काल में राम अवधेश काे गया सेंट्रल जेल में, जबकि उसकी पत्नी काे समस्तीपुर जेल में रखा गया था। महिला बंदी की गवाही लेने के बाद आयाेग की टीम ने जेल का भी निरीक्षण किया। इस दाैरान उन्हाेंने बंदी वार्ड से लेकर मुलाकाती स्थल का भी निरीक्षण किया।




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