BIHARBreaking NewsPATNASTATE

छठ महापर्व : देश को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जोड़ता है ये महापर्व, जानें विशेषता…

छठ महापर्व देश को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जोड़ता है। इसमें न सिर्फ भगवान भास्कर की पूजा होती है, बल्कि इससे अनेकता में एकता का भी संदेश जाता है।छठ महापर्व पहले मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही मनाया जाता था, लेकिन अब देश के विभिन्न कोनों में मनाया जाने लगा है। इसमें इस्तेमाल होने वाले सामान न सिर्फ बिहार या झारखंड, बल्कि देश के विभिन्न कोनों से मंगाए जाते हैं। देश के उत्तरी हिस्से कश्मीर के सेब से लेकर दक्षिण के तमिलनाडु के नारियल का उपयोग इस महापर्व में होता है। पूर्वोत्तर के असम और पूर्व के पश्चिम बंगाल के कबरंगा से लेकर पश्चिम के राजस्थान की लहठी और चूड़ी का उपयोग होता है। नागपुर की नारंगी सहित झारखंड के गोड्डा का शकरकंद, मुजफ्फरपुर की सुथनी और रांची से बड़ा नींबू मंगाया जाता है। हाजीपुर और भागलपुर का केला प्रसाद में चढ़ता है।

दउरा या डलिया झारखंड से आती है। छोटे बैर इलाहाबाद, मिर्जापुर आदि जगहों से आता है।इस पर्व में बर्तनों का काफी महत्व है। इसमें पीतल, लोहा और स्टील के कई तरह के बर्तनों का उपयोग होता है। कई लोग पीतल के सूप, पीतल की थाली, गिलास, सहित अन्य बर्तन भी रखते हैं। ये बर्तन उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर आदि जगहों पर बनाए जाते हैं। वहीं व्रती सूती साड़ियां पसंद करती हैं जो पश्चिम बंगाल और गुजरात से मंगाई जाती हैं। महिलाएं बनारसी साड़ियां भी पहनती हैं। व्रती राजस्थानी लहठी या चूड़ियां भी पहनती हैं, जो राजस्थान के होते हैं।सुथनी बेचने वाले नारायण महतो ने बताया कि सिर्फ छठ में ही इसका बाजार सजता है। मुजफ्फरपुर की सुथनी को देश के विभिन्न कोने में जहां छठ होता है, वहां भेजी जाती है। वहीं मिर्जापुर के बेर भी विभिन्न जगहों पर भेजे जाते हैं। बर्तन विक्रेता पंकज ने बताया कि धरतेरस के पहले से ही छठ की खरीदारी शुरू हो जाती है। इसके लिए हमलोग दो महीने पहले से ऑर्डर देते हैं। कपड़ा व्यवसायी मिथिलेश ने बताया कि छठ व्रतियों के लिए खासतौर से साड़ियों की मांग होती हैं।

इसके लिए गुजरात और बंगाल से उसी अनुसार पहले से ऑर्डर के अनुसार मंगाए जाते हैं।खरमनचक की छठ व्रती अर्चना ठाकुर ने बताया कि वह छठ करती हैं और पति की तबादले वाली नौकरी के कारण देश के विभिन्न कोने में रही हैं, लेकिन देश के विभिन्न कोनों से मिलने वाले ये सामान मुश्किल से ही सही मिल जाता है। तातारपुर के लाल कोठी के रवि शर्मा ने कहा कि वह सेना में रहे हैं। कई राज्यों में रहे हैं, लेकिन कई प्रदेशों में छठ होता है और वहां छठ करने वाले तो मिलते ही हैं। विभिन्न प्रदेशों के सामान भी मिल जाते हैं। देश के विभिन्न प्रदेशों को जोड़ने वाला यह पर्व सबसे अलग है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.