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कोरोना टीकाकरण का चमत्कार ! पहला डोज पड़ते ही बोल पड़ा ‘गूंगा’!

Miracle of Corona Vaccination इसे चमत्कार नहीं तो और क्या कहा जाय। इलाज पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी ठीक नहीं होने के कारण चार साल से जो व्यक्ति बिछावन पर अचेत पड़ा था उसके शरीर में उर्जा दाैड़ गई है। पांच साल बाद उसकी जुबान लाैट गई है। वह पैर पर भी खड़ा होने लगा है। शख्स के शरीर में अचानक इस परिवर्तन से न सिर्फ उसके परिवार और गांव वाले आश्चर्यचकित हैं बल्कि चिकित्सक भी हैरान हैं। यह सब कैसे हो गया ? तो इसका तात्कालिक जवाब है कोविशील्ड का एक डोज। सटीक जानकारी और जवाब तो आने वाले दिनों में मिलेगा जब चिकित्सा जगत दुलारचंद मुंडा की बीमारी और उसकी रिकवरी पर शोध करेगा। 

क्या है पूरा मामला

झारखंड के बोकारो जिले के पेटरवार स्थित सलगाडीह गांव के अपने घर में चार साल से 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा अपने बिछावन पर पड़ा था। चार साल पहले दुलारचंद की सडक दुर्घटना हुइ थी। जिसके बाद उसका पूरा शरीर अकड़ गया था। वह बिछावन पर लाचार पड़े हुए थे। बोल भी नहीं पा रहे थे। परिवार वाले इलाज के लिए बाहर ले गए, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। इजाल के लिए घर की पुस्तैनी जमीन तक बिक गई। मगर दुलारचंद बिछावन से उठ नहीं पाए। 6 जनवरी को उन्हें कोरोना का टीका-कोविशील्ड का पहला डोज दिया गया। इसके बाद उनकी बोली लाैट आई है। वह खड़े होने भी लगे हैं। हालांकि अभी चलने की स्थिति में नहीं हैं। इस बदलाव को स्वजन कोरोना के टीके को वरदान बता रहे हैं।

6 जनवरी को पड़ा पहला डोज

बोकारो के पेटरवार प्रखंड के उत्तासारा पंचायत के सलगाडीह निवासी दुलारचंद मुंडा चलने फिर पाने में असमर्थ थे और बोलने में भी असमर्थ थे। दुर्घटना के बाद से ये बिस्तर पर ही जीवन गुजर बसर करना इनकी नियति बन गई। डोर टू डोर अभियान के तहत 6 जनवरी को मुंडा को भी वैक्सीन लगा दी गई। कोविशिल्ड की वैक्सीन पड़ी उसके बाद इनका अंग काम करने लगा। हमेशा से बेड पर पड़े रहे दुलारचंद मुंडा अपने पैर पर खड़े हो गए और जुबान में आवाज आ गई।

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