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अपने स्कूल पहुंचे UPSC टॉपर शुभम कुमार बोले- रिजल्ट ने पूरी लाइफ चेंज कर दी, 8 घंटे नियमित करता था पढ़ाई

UPSC टॉपर शुभम कुमार और 2019 बैच के IAS कुमार विवेक निशांत का स्वागत उनके स्कूल विद्या विहार आवासीय विद्यालय परोरा में सोमवार रात हुआ। इस दौरान दोनों ने स्कूल से जुड़ी कई यादें और अपनी सफलता की कहानी अपने जूनियर्स को सुनाई।

शुभम कुमार ने कहा कि इस रिजल्ट ने पूरी लाइफ चेंज कर दी। मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं टॉप कर गया हूं। मेरी जर्नी का मैं खुद गवाह हूं। बचपन से मैं जिद्दी रहा। मैं जो एक बार ठान लेता था वो करता था। मैंने अपने पापा-मम्मी से सीखा है कि पहले आप अच्छे इंसान बनो। जिस स्टेज पर लोगों को सुनते देखा, आज वहां पर बोलना काफी सुखद है। आज केएन बासुदेवन सर जिंदा होते तो बहुत प्राउड फील करते। मैंने यहां के शिक्षकों से बहुत कुछ सीखा।

शुभम और विवेक ने कहा कि UPSC की परीक्षा एक साल तक चलती है। प्री से पहले मैं आठ घंटे नियमित पढ़ता था। सुबह पांच बजे उठता था और रात 12 बजे सोता था। यह मेन के समय हम लोगों की रूटीन अलग होती थी। इस दौरान तीन महीने हम लोग रूम पर एक दूसरे से बात नहीं करते थे। यह तीन महीने की रूटीन थी। उन्होंने बच्चों काे बताया कि UPSC में अपने इंट्रेस्ट के तहत ही सिलेबस चुने। इससे परीक्षा की तैयारी में आसानी होती है। ​​​​​

​शुभम ने कहा कि आपके पास बेकअप प्लान होना चाहिए। ग्रेजुएट तो होना ही है। अगर मैं IIT में जाता हूं तो मेरे पास एक बेकअप प्लान रहेगा। इसलिए IIT के बाद UPSC चुना। आप अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखते हैं। एक सीधी लाइन पर नहीं चलना चाहिए। IIT के दौरान इंटरनशिप में मुझे लगा कि UPSC करना चाहिए।

शुभम ने बताया कि 2020 की परीक्षा समाप्त होने के बाद मैं फिर से प्रीलिम्स की तैयारी में जुट गया था। पापा को कहा कि हो सकता है मुझे IAS नहीं मिले, पर रिजल्ट आने के बाद मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं टॉप कर गया। मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि मैं टॉपर हूं। सफल होने के बाद जीवन में काफी बदलाव आया है। आप रातों रात सेलिब्रिटी हो जाते हैं। कई बड़े-बड़े नेता, जो आपको नहीं जानते हैं वह भी आपको कॉल करते हैं। एक दिन में 500 कॉल और मैसेज आ रहे हैं। वहीं, 2019 बैच के IAS कुमार निशांत विवेक ने कहा कि आपकी जिम्मेवारी और बढ़ जाती है।

विद्या विहार की पढ़ाई दिल्ली से बेहतर: कुमार निशांत विवेक

कुमार निशांत विवेक ने कहा कि कक्षा 6 से 10वीं करने के बाद मैं 11-12 वीं के लिए दिल्ली गया। वहां पता चला कि विद्या विहार की पढ़ाई दिल्ली से कई बेहतर है। टीसीएस सर, रीता मैम ने बहुत कुछ अनोखे ढंग से सिखाया। सोनाली मैम ने जैसी ज्योग्राफी पढ़ाई वैसा UPSC के शिक्षक ने भी नहीं पढ़ा पाए। एमआईटी सर हिस्ट्री को कहानी की तरह पढ़ाते थे। इससे इंट्रेस्ट पहले से बना हुआ था। यह आगे काम आया। गोपाल सर ने इवनिंग एसेंबली में इतना कुछ सिखाया कि आगे काम आया।

दिल्ली में तैयारी के दौरान वीवीआरएस की पढ़ाई का तरीका आया काम

शुभम ने आगे बताया कि जब दिल्ली में मैं तैयारी कर रहा था तो वहां भी मेरे रूममेट निशांत थे। तब हम लोगों ने नोटिस किया कि सवालों के जवाब बेहतर तरीके से कैसे दे रहे हैं। तब हमें याद आया कि विद्या विहार में इन सभी चीजों की प्रैक्टिस कर चुके हैं। प्वाइंट पढ़ाई करने का परिणाम आया है, हम लोग यहां हैं। यहां के शिक्षकों की शैक्षणिक गतिविधि के साथ मोरल एजुकेशन पर बहुत फोकस रहा था। यहां पर संस्कार मिला। क्लास 6 से 10 तक संस्कार मिला, वह आगे काम आया।

हमेशा खुद से कंपीटिशन रखा

शुभम ने स्कूल के दिनों का याद करते हुए कहा कि कक्षा 6ठी में मेरी रैंक 35-40 के बीच रहती थी। उस समय निशांत टॉपर हुए। कक्षा 7ए में कुछ प्रॉब्लम हुई मैं पढ़ाई अच्छी तरीके से नहीं कर पाया। इसके बाद 8बी में गया। इसके बाद में 8ए में गया। एक दोस्त ने कहा शुभम काफी लकी हो। 8बी से 8ए में आ गए। यह बात मुझे चुभ गई। इसके बाद मैंने छोटी-छोटी प्लानिंग करना शुरू कर दिया। इसके बाद 33रैंक आया। तब मैंने सोचा कि मुझे खुद से बेहतर करना है। अपने से कंपीटिशन रखना है। इसके बाद मेरी रैंकिंग सुधरने लगी।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय प्रबंधन, निदेशक रणजीत पाल, सचिव रमेश चन्द्र मिश्र, प्राचार्य निशिकांत दास गुरु, उप प्रधानाचार्य निखिल रंजन, न्यासी राजेश चन्द्र मिश्र, शिक्षक गोपाल झा, ब्रजेश चंद्र मिश्र के साथ शिक्षक, छात्र व कर्मी मौजूद थे।

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