केंद्रीय कैबिनेट ने द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को मं’जूरी दिए जाने और लोकसभा से पास होने के बाद अब सरकार की कोशिश इसे राज्यसभा से पास कराने की है। विपक्षी दलों (कांग्रेस, टीएमसी, माकपा, डीएमके, सपा, आरजेडी समेत कई दल) के साथ साथ पूर्वोत्तर के कई संगठन इसका वि’रोध कर रहे हैं। शिवसेना ने भी कह दिया है कि यदि उसकी शं’काओं का स’माधान नहीं किया जाता है तो वह इस बिल का समर्थन नहीं करेगी।शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को सवाल उठाया कि जो बिल को समर्थन नहीं देंगे क्या वह देशद्रो’ही हैं? उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए। हिंदू-मुस्लिम में द’रार पैदा करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। इस बिल में श्रीलंका के तमिल हिंदुओं के लिए भी कुछ नहीं है।
राउत ने कहा कि लोकसभा से यह बिल पास हो गया लेकिन राज्यसभा में बात अलग है। राज्यसभा में हमारी दोनों तरफ ज्यादा जरूरत है। हमारे मन में कुछ शंकाएं हैं जिनका समाधान नहीं होता है तो हम अपने स्टैंड पर पुन: विचार करेंगे। वहीं इस बिल के खिलाफ पटना में प्रद’र्शन कर रहे राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए इसका समर्थन किया है। इस बीच, असम से इतर अलीगढ़ में भी इस बिल के खि’लाफ वि’रोध प्र’दर्शन की सूचना है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने अलीगढ़ में बिल का वि’रोध कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 20 छात्रों के खि’लाफ नामजद एफआइआर द’र्ज की है। इसके अलावा 200 अन्य अ’ज्ञात छात्रों के खि’लाफ भी केस द’र्ज किया गया है।
नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर पूर्वोत्तर राज्यों में घ’मासान जारी है। असम में बुधवार को भी कई जगह वि’रोध प्रद’र्शन हुए। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि डिब्रूगढ़ में विधेयक के उ’ग्र होते वि’रोध को देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। यही नहीं कुछ जगहों पर पुलिस ने प्रद’र्शनकारियों पर ब’ल प्रयोग किया है। रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस ने गुवाहाटी में प्र’दर्शनकारियों पर आंसू गैस के गो’ले छोड़े। जोरहाट, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, तिनसूकिया, शिवसागर, बोंगाईगांव, नगांव, सोनीतपुर और कई अन्य जिलों में लोग सड़कों पर उतरे। यही नहीं राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर भी पूर्वोत्तर के लोगों ने वि’रोध प्रद’र्शन किया।
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