इसी कोच में आरोपित दारोगा नवगछिया से पटना तक की यात्रा कर रहा था। बरौनी जंक्शन से ट्रेन खुलने के बाद चलती ट्रेन में ही उक्त आ”रोपित दारोगा ने दोनों बहनों के साथ छे’ड़खा’नी की। पी’ड़िता के शो’र म’चाने पर कोच के अन्य यात्री जा’ग गए। इसके बाद यात्रियों ने दारोगा को पक’ड़ लिया और पि’टाई शुरू कर दी। वहीं पी’ड़िता ने फोन पर इसकी शि’कायत जीआरपी के अधि’कारियों से की। ट्रेन के पाटलिपुत्र पहुंचने के बाद यात्रियों ने आ’रोपित को पक’ड़ कर पाटलिपुत्र जीआरपी के ह’वाले कर दिया। पाटलिपुत्रा जंक्श्न जीआरपी प्रभारी रामसेवक सिंह ने बताया कि घट’नास्थल बरौनी जीआरपी होने के कारण प’कड़े गए आ’रोपित को बरौनी जीआरपी के ह’वाले कर दिया गया। वहीं आ’रोपित दारोगा का कहना था कि छे’ड़खा’नी का आ’रोप झू’ठा है। ट्रेन की खिड़की बंद करने के दौ’रान महिला यात्री ने छे’ड़खानी का आ’रोप लगाया है।पीड़िता के आवेदन पर बरौनी जीआरपी में शि”कायत द’र्ज कर आरो’पित को जे’ल भेज दिया गया है।
मा’मले की छानबीन की जा रही है।सीमांचल एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस थ्री में प्रशिक्षु दारोगा धौंस जमाकर अनाधिकृत रूप से यात्रा कर रहे थे। यह आ”रोप पी”ड़ित महिला यात्री ने लगाया है। उनका यह भी आ’रोप है कि छे’ड़खा”नी का वि’रोध करने पर उन्होंने वर्दी का धौं’स दिखाया और चुप रहने की धम’की दी। पक’ड़े जाने पर वह रास्ते भर ब”ड़बड़ाता रहा। यही नहीं पटना पहुंचने पर देख लेने की भी ध’मकी देता रहा। रेल एसपी दिलीप कुमार का कहना था कि स्लीपर कोच में दारोगा कैसे सवार थे। उन्होंने सीट आरक्षित कराई थी कि नहीं, इसकी भी गहन जां’च की जाएगी।
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