सोशल मीडिया व अन्य जगहों पर खुद को फिल्ममेकर बताने वाले डेनियल श्रवण (Daniel Shravan) ने देश में रे’प (R’ape) को लीगल करने की व’कालत की है. उसने फेसबुक पर एक के बाद एक लंबे-लंबे लेख लिखकर कहा है कि लड़कियों और महिलाओं को कॉ’न्डोम लेकर चलना चाहिए. बल्कि रे’पिस्ट्स की से’क्सुअल इच्छाओं को न’कारने और रे’प के बाद ह’त्या के लिए उ’कसाने के बजाए इसे कानूनी मान्यता दी जानी चाहिए. उसके इस बयान से सोशल मीडिया में उ’बाल है. यह शख्स साउथ की सी ग्रेड फिल्मों का डायरेक्टर है.फेसबुक पोस्ट पर लोगों ने ज’मकर उसकी खबर ली. लोगों की प्र’तिक्रियाओं पर कुछ देर उल’झने के बाद उसने अपनी पोस्ट को डि’लीट कर दिया.
लेकिन उसके पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर तैर गए. कई ट्विटर वेरीफाइड अकाउंट वाले व अन्य बड़ी शख्सियतों ने फिल्ममेकर के एफबी पोस्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए उसकी निं’दा की है.
रे’प के बारे में एफबी पर डेनियल श्रवण ने क्या लिखा, “सरकार को बिना हिं’सा वाले रे’प मा’मलों को का’नूनी मान्यता दे देनी चाहिए. रे’प के बाद ह’त्या को रो’किए. 18 साल से ज्यादा की सभी लड़कियों को रेप के बारे में विस्तार से बताया जाना चाहिए. उन्हें मर्दों की सेक्सुअल इच्छाओं को न’कारना नहीं चाहिए. बल्कि उन्हें कॉ’न्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए. केवल तभी ऐसी हिं’सात्मक घ’टनाओं को रोका जा सकता है.
ऐसा सोचना मू’र्खतापूर्ण है कि वीर’प्पन को मा’र देने से त’स्करी पर लगाम लग जाएगी या फिर लादेन को मार देने से आतंकवाद पर काबू पा लिया जाएगा. ठीक उसी तरह से निर्भया एक्ट भी रे’प और रे’प के दौ’रान हिं’सा को नहीं रोक पाएगा.”उसने आगे लिखा, “खासतौर पर भारतीय लड़कियों को सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए. खासतौर पर 18 साल की उम्र में आते ही उन्हें कॉ’न्डोम साथ लेकर चलना चाहिए. बहुत आम तर्क है, अगर म’र्दों की इच्छाएं पूरी होंगी तो वे महिलाओं को नहीं मा’रेंगे. सरकार को कुछ इस तरह की योजना बनानी चाहिए.”
Leave a Reply