एईएस से बचाव काे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है। सिविल सर्जन डाॅ. हरेंद्र आलाेक ने सभी पीएचसी प्रभारियाें काे एक सप्ताह में दाे बेड का एईएस वार्ड तैयार कर लेने, एंबुलेंस काे प्रत्येक गांव से टैग करने, पांच वर्ष तक के बच्चाें की सूची तैयार करने, दवा और आवश्यक उपकरणाें की खरीद कर लेने समेत सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एएनएम, आशा और मेडिकल ऑफिसर काे ट्रेनिंग देने के लिए 180 मास्टर ट्रेनराें काे ट्रेनिंग दी जा रही है।
इधर, संदिग्ध केस की रिपाेर्टिंग के लिए वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। प्रतिदिन संध्या ब्रीफिंग में समीक्षा हाेगी। वहीं वार्ड के चिकित्सक व एएनएम रात 10 से सुबह 6 बजे तक ग्रुप पर फाेटाे भेजेंगे। एईएस वार्ड का प्रतिदिन एसेस्मेंट किया जाएगा। बीमार व अतिकुपाेषित बच्चाें काे चिह्नित किया जाएगा। जीविका घर-घर जाकर लाेगाें काे जागरूक करेगी। वहीं, आंगनबाड़ी सेविका कुपाेषिताें-पाेषित बच्चाें के बीच ग्लूकाेज प्राेटीन युक्त खाद्यान्न, दूध व अन्य पाैष्टिक आहार बांटेगी। महादलित टाेले में विशेष खाद्य पैकेट बांटा जाएगा। साेशल इकाेनाॅमिक सर्वे किया जाएगा।
उपसमिति की इन पर रहेगी जिम्मेवारी
- {प्रचार-प्रसार व जन जागरूकता समिति में डीडीसी, वरीय प्रभारी, डीपीआरओ
- क्षमता वर्द्धन और प्रशिक्षण समिति में अपर समाहर्ता आपदा, कोषांग के वरीय प्रभारी, जिला वेक्टर जनित राेग नियंत्रण अधिकारी रहेंगे।
- चिकित्सीय संसाधन प्रबंधन समिति सिविल सर्जन के जिम्मे होगा।
- एंबुलेंस सेवा व क्विक रिस्पांस समिति में अपर समाहर्ता आपदा व डीपीएम
- कंट्राेल रूम और क्यूआरटी समिति में होंगे जिला लाेक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी।
- अनुश्रवण और मूल्यांकन समिति में होंगे अपर समाहर्ता और जिला वेक्टर जनित राेग नियंत्रण अधिकारी।
एसकेएमसीएच का पिकु वार्ड बचाएगा बच्चों की जान
- वार्ड के चिकित्सक व एएनएम रात 10 से सुबह 6 बजे तक ग्रुप पर फाेटाे भेजेंगे, एईएस वार्ड का प्रतिदिन हाेगा असेसमेंट
- सभी पीएचसी से एंबुलेंस को टैग करने, पांच वर्ष तक उम्र के बच्चों की सूची बनाने, दवा व आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही
जिले में इस तरह चलाया जाएगा अभियान
- डीएम और जिले के अन्य वरीय अधिकारी एक-एक पंचायत को लेंगे गोद।
- गांव-गांव में चाैपाल लगा कर ग्रामीणाें काे एईएस से बचाव की दी जाएंगी सभी जरूरी जानकारियां।
- आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम घर-घर जाकर बच्चाें की खबर लेंगी। बुखार या अन्य लक्षण मिलने पर तुरंत अस्पताल पहुंचाएंगी।
- बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस के अलावा प्रत्येक गांव में निजी वाहन काे किया जाएगा टैब।
- निजी वाहनाें का किराया सरकार ने निर्धारित किया है, जिसका मौके पर ही भुगतान किया जाएगा
- प्रखंड और गांवों में एक-एक प्रचार वाहन दिन भर बीमारी से बचाव के बारे में जानकारी देंगे।
- पंपलेट, पाेस्टर, वीडियाे के माध्यम से लाेगाें काे बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके बताए जाएंगे
- जनप्रतिनिधि, जनवितरण प्रणाली दुकानदार लाेगाें काे बचाव की जानकारी देंगे
- बच्चाें काे घर-घर दूध और पाेषाहार पहुंचाया जाएगा
- पीएचसी में पीड़ित के आते ही तुरंत इलाज शुरू हाेगा
- इसके लिए प्रतिनियुक्त हुए अधिकारी पीएचसी, एपीएचसी, महादलित टोलों के प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, महादलित टोला के सामुदायिक भवनों पर दीवार लेखन, हैंडबिल, पंपलेट वितरण कार्य की मॉनिटरिंग करेंगे।
यहां पर ये है व्यवस्था
- एसकेएमसीएच में 100 बेड का पिकू अस्पताल के अलावा 64 अतिरिक्त बेड की भी सुविधा
- केजरीवाल अस्पताल में 40 बेड एईएस के लिए है आरक्षित
- सदर अस्पताल में आठ बेड का विशेष वार्ड, 8 बेड आरक्षित
- सभी पीएचसी में दाे-दो बेड एईएस के लिए तैयार हैं
- एपीएचसी में भी एक-एक बेड तैयार रहेगा, दवा व उपकरण की रहेगी व्यवस्था।
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