विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान परिसर में कुछ आवारा कुत्ते घुस गए थे जिसके बाद ये मामला तमाम टीवी चैनलों की हेडलाइंस बन गया था। जिसपर बिहार सरकार की तरफ से इस बार सख्त हि’दायत दी गई थी कि सुरक्षा चौकसी जरूरी है और इस बार इस तरह की घ’टनाएं नहीं हों। लेकिन, कुत्ते तो आखिर कुत्ते हैं। इस बार भी उन्होंने अपना कमाल दिखा दिया है.सरकार के आदेश और सुरक्षाकर्मियों की चौकसी को धता बताते हुए बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कुछ आवारा कुत्ते सिर्फ विधानसभा परिसर में घूमते ही नजर नहीं आए बल्कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की गाड़ी के पास ही उनकी गाड़ी की रखवाली करते नजर आए।
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस बार अफसरों को सख्त हि’दायत दी थी कि सुरक्षा व्यवस्था की चौकसी में इस मुद्दे को शामिल करें कि कुत्ते परिसर में ना घुसने पाएं। गारंटी करें कि अगले सत्र में आवारा कुत्ते परिसर में न आ पाएं। इन्हें रोकने की खास जवाबदेही नगर विकास और आवास विभाग को दी गई थी। लेकिन विभागों की तत्परता की पोल इन आवारो कुत्तों ने खोल दी है।शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को बिहार विधान परिषद में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन और हरियाली पर विशेष चर्चा हो रही है।
सदन की कार्य’वाही शुरू होने के पहले विपक्षी नेताओं ने अपने चेहरे पर मास्क लगाकर सदन के गेट पर ज’मकर हं’गामा किया और सरकार विरो’धी नारे लगा.विधान परिषद पहुंचे सदस्यों ने मास्क लगाकर अलग अंदाज में इस योजना का विरोध किया और पटना में बढ़ते वायु प्रदू’षण को लेकर सरकार को घे’रा। सदस्यों ने कहा कि देश भर में सबसे ज्यादा प्रदू’षण की स्थि’ति बिहार में ही है। बिहार सरकार में ये विभाग उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के पास ही है लेकिन 20 सालों में अब तक सुशील मोदी ने कुछ नहीं किया।
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