गुरुवार 28 नवंबर को बिहार विधानमंडल में नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली (Jal Jivan Hariyali Scheme) पर विशेष चर्चा हो रही है. गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को ही बिहार सरकार ने जल-जीवन हरियाली अभि’यान की शुरुआत की थी. जल जीवन हरियाली पर चर्चा के प्रस्तावक विधान पार्षद संजीव कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम कितना महत्वपूर्ण है. बिहार (Bihar) की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद (RJD) ने इस चर्चा का स’मर्थन किया है. राजद नेता रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि इस योजना में यह भी काम किया जाए कि जल की पवित्रता बची रहे.दरअसल, यह योजना केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए “प्रधानमंत्री जल जीवन अभियान” की तरह ही है जिसके लिए केंद्रय सरकार ने अलग से जल शक्ति मंत्रालय भी बनाया है.
जल-जीवन-हरियाली अ’भियान को बिहार सरकार मिशन मोड में चलायेगी. तीन साल तक चलने वाले इस अभियान पर कुल 24 हजार 524 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. मिशन को तेज गति देने के लिए सोसायटी एक्ट के तहत निबंधन कराया जायेगा. कार्यों की निगरानी के लिए राज्य और जिला स्तर पर परामर्शदाता समिति का गठन भी किया जायेगा.बिहार सरकार की समझ है कि पिछले कई वर्षों से जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षापात में कमी और भू-जल स्तर में लगातार गि’रावट द’र्ज की जा रही है. राज्य के सभी इ’लाकों में भू-जल स्तर में गि’रावट आने की वजह से पेयजल की समस्या के साथ-साथ फसलों के उत्पादन पर भी खास प्रभाव पड़ा है.
नीतीश सरकार ने इसी साल 13 जुलाई को विधानमंडल के सभी सदस्यों की संयुक्त बैठक की थी जिसमें इस आ’पदाजनक स्थिति से नि’पटने के लिए गहन विचार विमर्श किया गया था.इस अ’भियान के तहत विभिन्न योजनाओं पर 2019-20 में 5870 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे. 2020-21 में 9874 करोड़ और 2021-22 में 8780 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे यानि कुल 24 हजार 524 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान इस मिशन पर् लगाया गया है. इसके अलावे जल-जीवन-हरियाली में प्रशासनिक मद में 2019-20 से 2021-22 तक 23.39 करोड़ रुपए खर्च होने का भी अनुमान है.
Leave a Reply