आ”रोप के मुताबिक पिछले साल आनंद ने दावा किया था कि सुपर-30 के 26 छात्र आईआईटी में दाखिला लेने में सफल रहे, लेकिन उन्होंने इन छात्रों का नाम नहीं जारी किया। याचिका में कहा गया है कि अपने झू”ठे प्रोपेगैंडा के जरिये आनंद आईआईटी में दाखिला लेने की तैयारी में जुटे छात्रों उनके अभिभावकों को ठ’ग रहे हैं। गौरतलब सुपर-30 बिहार की राजधानी पटना स्थित एक संस्था है जो आईआईटी में दाखिला लेने के इच्छुक आर्थिक रूप से गरीब बच्चों को कोचिंग की सुविधा प्रदान करने का दावा करती है।यह मामला सितंबर,2018 का है जब चार आईआईटी छात्रों ने याचिका दायर करके आनंद पर आरोप लगाया था कि वह गरीब छात्रों की मदद करके उनका आईआईटी में दाखिला कराने का झूठा दिखावा कर रहे हैं। आरोप के मुताबिक सुपर-30 में दाखिला देने के नाम पर हर छात्र से 33 हजार रुपये लेकर उसे पटना स्थित ‘रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स’ नामक कोचिंग में दाखिला दिया जाता है। आरोप है कि साल 2008 के बाद से सुपर-30 की कक्षाएं नहीं चल रही हैं, लेकिन हर साल आईआईटी-जेईई का परिणाम घोषित होते ही यह सुपर-30 मीडिया के समक्ष अवतरित हो जाती है।
रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के कुछ छात्रों को दिखाकर दावा किया जाता है कि ये छात्र सुपर-30 के हैं जो आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करने में सफल रहे।याचिका के आधार पर ही अदालत ने पिछले साल सितंबर में आनंद और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अभयानंद को नोटिस जारी किया था। इन दोनों ने सुपर-30 की शुरुआत 2002 में की थी, लेकिन 2008 में दोनों अलग हो गए। नोटिस का जवाब देने के लिए भले ही आनंद अदालत में हाजिर नहीं हुए, लेकिन अभयानंद ने इस साल जनवरी में ही हलफनामा दायर करके बता दिया था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि 2008 के बाद सुपर-30 कैसे चल रही है।
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