नई दिल्ली. भारत-चीन के बीच तना’व (India-China tensions) कम होता नहीं दिख रहा है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पहले चीन (China) की ओर से शांति भंग करके घुसपैठ की कोशिश की गई. फिर चीन ने भारतीय नागरिकों के चीन में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे में भारत सरकार ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए जवाबी कार्रवाई का कदम उठाया है. केंद्र सरकार की ओर से अनौपचारिक रूप से सभी भारतीय एयरलाइंस (Indian Airlines) से कहा गया है कि वो चीनी नागरिकों को भारत ना लाएं.
चीन और भारत के बीच अभी सभी तरह की उड़ानें बंद हैं. लेकिन चीनी नागरिक भारत आने के लिए पहले किसी अन्य ऐसे देश जाते थे, जिसके साथ कोरोना महामारी को देखते हुए भारत का एयर बबल सिस्टम है. फिर वे चीनी नागरिक वहां से फ्लाइट के जरिये भारत आते थे. उनके साथ ही एयर बबल सिस्टम के तहत आने वाले देशों से काम के सिलसिले में भी भारत आते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइंस के सूत्रों का कहना है कि चीनी नागरिक यूरोपीय देशों से भारत आते हैं. इन देशों का भारत के साथ एयर बबल सिस्टम है.
पिछले कुछ हफ्तों से भारत और विदेश की एयरलाइंस से साफतौर पर कहा जा रहा है कि वो चीनी नागरिकों को भारत ना लाएं. इस समय भारत के लिए सभी टूरिस्ट वीजा रद्द हैं. लेकिन विदेशी नागरिकों को काम के सिलसिले में और टूरिस्ट वीजा की अन्य श्रेणियों में भारत आने की अनुमति है. यह भी कहा जा रहा है कि एयरलाइंस ने अधिकारियों से इन निर्देशों के संबंध में लिखित में भी देने को कहा है. उनका कहना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि जब वे चीनी नागरिकों को फ्लाइट में बैठने से मना करें, तो वो इसका कारण भी उन्हें बता सकें.
भारत की यह जवाबी कार्रवाई चीन के उस कदम के बाद सामने आई है, जिसमें चीन की ओर से वहां फंसे सैकड़ों भारतीयों को भारत नहीं लौटने दिया जा रहा है. सैकड़ों भारतीय चीन के विभिन्न बंदरगाहों पर फंसे हैं क्योंकि चीन उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दे रहा है. इस फैसले से करीब 1500 भारतीय प्रभावित हो रहे हैं. चीन ने नवंबर की शुरुआत में कोरोना महामारी के चलते कुछ देशों के नागरिकों का अपने यहां प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था. भले ही उनके पास आधिकारिक चीनी वीजा भी क्यों ना हो. इनमें भारतीय भी शामिल हैं.



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