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जनकपुर जाने के दौ’रान यहां ठहरे थे भगवान श्री राम, अभी भी मौजूद हैं पदचिन्ह, देखें…

यूं तो रामनवमी के अवसर पर पूरे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्मोत्सव रामनवमी जिले में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। लेकिन बिहार के वैशाली जिले के रामचौड़ा की बात ही निराली है। हरे कृष्ण, हरे राम…, एक ही नारा एक ही नाम जय श्री राम… के जयघोष से पूरा इलाका गूंजायमान हो उठा है। सड़कों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। इसके पीछे वजह यह है कि जब भगवान श्रीराम जनकपुर जा रहे थे तो इसी रास्ते से हो कर गुजरे थे। उनके पद-चिन्ह आज तक यहां मौजूद हैं। रामनवमी को यहां पूरे दिन श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहता है। दूर-दराज क्षेत्र से भी लोग यहां पूजा करने आते हैं। रामनवमी के दिन रामचौड़ा मंदिर की रौनक काफी बढ़ जाती है। कहीं पूजा-पाठ करते लोग तो कहीं दुकानदारों पर सामानों की खरीददारी करते लोगों की भा’री भी’ड़ से पूरा मंदिर परिसर भरा रहता है।

कहीं बेल व अन्य पूजन सामग्री के साथ पूजा-पाठ करती महिलाएं तो कहीं चूड़ी से लेकर जलेबी व रामदाना की लाई की दुकानों पर खरीददारों की भारी भीड़। मंदिर परिसर में अष्टयाम व भजन-कीर्तन करते लोगों की भीड़ व हर ओर लहराता भगवा पताका। हर ओर बड़ा ही मनोरम दृश्य बना हुआ है। सभी भगवान श्री राम की भक्ति में डूबे नजर आ रहे है।मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम को रामदान की लाई व बेल बहुत ही प्रिय है। रामनवमी के दिन प्रसाद के रूप में रामदाना की लाई व बेल चढ़ाने वाले भक्तों से भगवान श्री राम काफी प्रसन्न होते हैं। रामचौड़ा में बेल व रामदाना की लाई की कई दुकानें सजी हुई है।रामचौड़ा के धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां भगवान श्रीराम की भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है जिसकी ऊंचाई 141 फीट होगी।

130 फीट ऊंची मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। जून-जुलाई तक भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर परिसर में भव्य विवाह भवन, मार्केट कॉम्पलेक्स व एयर कंडिशनड होटल निर्माण की योजना है। भविष्य में इस मंदिर को रामायण सर्किट से जोड़कर टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने की योजना है।

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