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विटामिन-ए कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी आशा कार्यकर्ता

विटामिन-ए कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी आशा कार्यकर्ता

  • सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने की बुधवार को शुरुआत
    शिवहर। 24 दिसंबर
    जिले में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिला रही हैं। विटामिन-ए छमाही खुराक कार्यक्रम के तहत बुधवार से इसकी शुरुआत हुई। सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने बच्चों को दवा पिलाकर अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा की प्रत्येक छह माह पर विटामिन ए अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है। विटामिन ए शिशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। इसलिए सभी आम नागरिक अपने नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा जरूर पिलाएं।

आशा कार्यकर्ता घर जाकर पिलायेंगी खुराक सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने बताया कि नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जानी है। आशा कार्यकर्ता घर जाकर बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगी। आशा द्वारा नौ से 12 माह के बच्चों को एक एमएल और एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चों को दो एमएल विटामिन ए की दवा दी जानी है। उन्होंने कहा नियमित टीकाकरण के दौरान पिछले चार माह में जिन बच्चों को खसरे का टीका या बूस्टर डोज के साथ विटामिन ए की खुराक पिलाई गई है, उन्हें अभियान के दौरान विटामिन ए की दवा नहीं पिलाई जाएगी।

माइक्रोप्लान तैयार किया गया है
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। आशाएं नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए खुराक देने के लिए प्रतिदिन गृह भ्रमण करेंगी। चार दिवसीय अभियान के दौरान आशा दो दिन गृह भ्रमण कर एवं दो दिन आंगनवाड़ी केंद्रों या टीकाकरण स्थल पर बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगी। इसके अलावा एक अतिरिक्त दिन भी अभियान में शामिल किया गया है, जिसमें सभी छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाया जाना है।

विटामिन-ए की कमी बच्चों के लिए नुकसानदेह
सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने बताया कि विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है। विटामिन-ए की कमी शरीर के सभी अंगों के लिए नुकसानदेह है, पर इसका प्रभाव केवल आंखों पर ही परिलक्षित होता है। इसे खत्म करने के लिए शिशुओं को विटामिन ए की खुराक देना जरूरी है। इससे उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अभियान के द्वारा सभी बच्चों का टीकाकरण कर उनमें विटामिन ए की कमी को दूर किया जाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखना जरूरी
आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में जाने के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखेंगी। इसके लिए आशा मास्क ग्लब्स इत्यादि का उपयोग करेंगी। बच्चों को दवा पिलाने से पहले आशा साबुन, सैनिटाइजर से अपने हाथों को साफ करेंगी एवं छह फीट की शारीरिक दूरी का ध्यान रखेंगी।

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