बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 6 करोड़ रुपये खर्च करके स्कूलों में बनाई गई स्मार्ट क्लासों पर अब ताला लग गया है. राज्य सरकार ने दो साल पहले कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए समार्ट क्लास बनाई थी. जानकारी के अनुसार जिले के 400 स्कूलों में बनी समार्ट कक्षा में 60 बच्चे भी नहीं आ रहे. इससे अधिकारियों व शिक्षकों की लापरवाही कहें या छात्रों की उदासीनता. जिले में समार्ट क्लास के जरिए बच्चों को समार्ट बनाने की कवायत पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है.
जिले में साल 2019 और 2020 में 400 स्कूलों में समार्ट क्लास बनाने की शुरुआत की गई थी. इसके लिए इन स्कूलों को टीवी खरीदने के लिए 90-90 हजार राशि दी गई. वही स्कूलों की सुरक्षा के लिए रात्रि पहरे के लिए 60-60 हजार रुपये की राशि दी गई. लेकिन जिले में समार्ट क्लास के हाल यह हैं, कि कई स्कूलों में टीवी तक चोरी हो गए है, तो कही स्कूलों की दिवार पर टंगे यह धूल फांक रहे है. बिहार शिक्षा परियोजना की रिपोर्ट के अनुसार, रात्रि पहरा होने के बाबजूद पिछले साल में सात स्कूलों से टीवी चोरी हो गए है.
जिले में सबसे पहला समार्ट क्लास जिला स्कूल में बनाया गया था जिससे मॉडल स्कूल की श्रैणी में रखा गया था. लेकिन इस स्कूल का आलम यह है कि इस स्कूल के समार्ट क्लास की छत टूट चूकी है. जिले के डीईओ अब्दुसलाम अंसारी ने कहा, कोरोना के देखते हुए सप्ताह में बारी-बारी से बच्चों की परेशानियों का निष्तारण करने के लिए क्लास में बुलाया गया था, जिसके लिए शिक्षकों को विशेष परिक्षण दिया गया था. लेकिन सभी से यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि बच्चे की क्लास में आते ही नहीं है. ऐसे में समार्ट क्लास को कैसे चलाया जाए.
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