राजधानी दिल्ली के 56 वर्षीय शख्स के शरीर से यह किडनी निकाली गई है। यह शख्स पॉलीसिस्टिक किडनी डिसीज नामक एक आनुवांशिक किडनी की बीमा’री से पी’ड़ित था। इसमें मनुष्य के शरीर में मौजूद दोनों किडनी में द्रव युक्त सिस्ट इकट्ठा होना शुरू हो जाते हैं। इससे किडनी में सूजन होनी शुरू हो जाती है। मरीज को यह स’मस्या साल 2006 से ही है। इसके बाद उसके स्वास्थ्य को देखते हुए यह ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया।सर गंगाराम अस्पताल में डॉ. अजय शर्मा के साथ डॉ. सचिन कथूरिया और डॉ. जुहिल नानावती की टीम ने संयुक्त रूप से यह ऑपरेशन तकरीबन 2 घंटे के दौरान किया। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि म’रीज को कोई नु’कसान नहीं पहुंचे।डॉक्टरों ने बताया कि किडनी में लगातार सिस्ट जमा होने के चलते मरीज को सांस लेने में भी क’ठिनाई होने लगी थी। इसी के साथ द’र्द भी बढ़ने लगा था। मेडिकल जांच के दौ’रान यह भी पता चला कि म’रीज की बाईं किडनी के सिस्ट में आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण इस कदर बढ़ गया था कि ऑ’परेशन ही अंतिम विकल्प बचा।
डॉ. सचिन के मुताबिक, प्री-ऑपरेटिव स्कैन में एक बड़ी किडनी दिखाई दी, लेकिन हमें उम्मीद नहीं थी कि यह सबसे भारी होगी। इसने लगभग पूरे पेट पर कब्जा कर लिया था। चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, किडनी का वजन दो मानव नवजात से अधिक था रोगी अच्छी तरह से ठीक हो रहा है और एक या दो दिन में अस्पताल से छुट्टी की योजना बनाई गई है।इससे पहले दो भारी किडनी निकालने की रिपोर्ट मिली,जिसमें एक 9 किलोग्राम (अमेरिका) और दूसरी 8.7 किलोग्राम (नीदरलैंड) है। ऐसे में यह अब तक निकाली जाने वाली तीसरी सबसे भारी किडनी है.
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