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#BIHAR_BOARD; मैट्रिक में बढ़ीं ट्रांसजेंडर परीक्षार्थियों की संख्या, जानें…

बिहार बोर्ड ने ट्रांसजेंडर समूह को परीक्षा फॉर्म में अलग से कॉलम क्या दिया, परीक्षार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। बोर्ड की मानें तो 2019 में मैट्रिक में लगभग 20 परीक्षार्थी शामिल हुई थीं, लेकिन 2020 में इनकी संख्या 90 पार हो गयी है। ज्ञात हो कि बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर के परीक्षा फॉर्म में छात्र, छात्रा और ट्रांसजेंडर के लिए कॉलम दिया था। इससे बोर्ड को ट्रांसजेंडर परीक्षार्थियों की संख्या पता चलती हैं। देश में बिहार बोर्ड तीसरा राज्य हैं जहां पर ट्रांसजेंडर को यह सुविधा दी गयी है। इससे पहले 2014 में छत्तीसगढ़ और 2015 में केरल राज्य बोर्ड ने ये सुविधा दी।

– कई जिलों में ट्रांसजेंडर ने भरा परीक्षा फॉर्म
पहले ट्रांसजेंडर अपनी पहचान छुपाती थीं, लेकिन बोर्ड द्वारा यह सुविधा दिये जाने से अब वह सामने आने लगी हैं। इस बार मैट्रिक और इंटर में लगभग हर जिलों से ट्रांसजेंडर ने परीक्षा फॉर्म भरा है। नवादा जिला शिक्षा कार्यालय की मानें तो आठ ट्रांसजेंडर मैट्रिक की परीक्षा देंगी।

  • छत्तीसगढ़-केरल के बाद बिहार बोर्ड ने दिया ट्रांसजेंडर के लिए परीक्षा फॉर्म में अलग से कॉलम
  • -2019 में मैट्रिक में लगभग 20 परीक्षार्थी शामिल हुई थीं, 2020 में इनकी संख्या 90 पार हो गई

बिहार की करीब साढ़े पांच लाख नवसाक्षर महिलाएं रविवार को साक्षरता महापरीक्षा में शामिल होंगी। 15 से 35 साल तक की इन महिलाओं ने बिहार सरकार की मुख्यमंत्री दलित, महादलित, अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा साक्षरता योजना के तहत ताजा-ताजा अक्षर ज्ञान प्राप्त किया है। शिक्षा विभाग के जनशिक्षा निदेशालय द्वारा राज्य के सभी जिलों में आयोजित होने वाली इस बुनियादी साक्षरता परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। परीक्षा में पास करने वाली नवसाक्षरों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा समकक्षता का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यह कक्षा तीन और कक्षा पांच की उत्तीर्णता का होता है और इसके आधार पर आगे की भी पढ़ाई यह जारी रख सकती हैं।

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