आरो’पित कुणाल झारखंड के देवघर जिले के किसी ब्रांच में का’र्यरत हैं। वे बोधगया एसबीआई में भी काम कर चुके हैं। पुलिस से पूछताछ में आ’रोपित ने बताया कि घर में चाचा के नाम से हथि’यार का ला’इसेंस निर्गत है। जे’ब से का’रतूस कैसे निक’ला, यह उसे भी नहीं पता चला। उसके साथ रहे दूसरे युवक के बारे में मैने’जर ने पुलिस को बताया कि वह जिस ब्रांच में का’र्यरत है, उसी ब्रांच के ड्राइवर का वह बेटा है. महाबोधि मंदिर सुरक्षा प्रभारी सुनील कुमार व बोधगया के प्रभारी थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने आ’रोपित से अलग-अलग पूछ’ताछ की। आरो’पित का सत्यापन पुलिस अधिकारी कराने में जु’टे हैं।
इसके बाद आगे की का’र्रवाई की जाये’गी। जिस समय आ’रोपित का’रतूस के साथ प’कड़ाया, उसके करीब 10 मिनट पहले आईजी, प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, सलाहकार समिति के सदस्य समेत कई अधिकारी मंदिर से घू’मकर बाहर निकले थे, वहीं मंदिर की सुरक्षा को लेकर चर्चा है कि पुख्ता जांच के बाद भी लाल पत्थर चेकपोस्ट से आ’रोपित अंदर तक कैसे पहुंच गया।
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