बिहार के मधेपुरा (Madhepura) में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लाप’रवाही सामने आई है. एम्बुलेंस कर्मी (Ambulance) की मन’मानी के कारण समय पर प्र’सूता को एम्बुलेंस नहीं मिल सका जिससे नव’जात की मौ’त हो गयी. मा’मला सदर अस्पताल (Sadar Hospital) मधेपुरा का है जहां मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पोखराम निवासी अमित यादव की पत्नी प्रसव पी’ड़ा से तड़’प रही थी.आ’नन-फा’नन में ऑटों से उसे मुरहो पीएचसी लाया गया जहां से उसे सदर अ’स्पताल के लिए रे’फर कर दिया गया, लेकिन वहां भी उसे एम्बुलेंस नहीं दी गई.प्र’सूता को ऑटो से ही मधेपुरा सदर अस्पताल लाया गया जहां रास्ते में ही डिलीवरी हो गई और बच्चे की ऑटों में ही मौ’त हो गई.
मृ’तक बच्ची की दादी शांति देवी और आशा किरण देवी की मानें तो मुरहो पीएचसी में एम्बुलेंस मांगने पर एम्बुलेंसकर्मी ने उन्हें टा’ल दिया और ऑटो से ही प्र’सूता को ले जाने को कहा. रास्ते में नेहालपट्टी के पास बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन गर्दन फं’सी रह गयी जबतक उसे अस्पताल लाया गया तब तक बच्ची की मौ’त हो चुकी थी.एम्बुलेंसकर्मी की यह ला’परवाही कोई नई नहीं है. अस्पताल में इ’लाज करने आए भेलवा गांव निवासी नीरज कुमार ने बताया कि बीती रात उसकी बहन को भी प्रस’व पी’ड़ा हुई.
उसने एम्बुलेंस के लिए कई बार कॉल किया रात 8 बजे से 12 बजे तक एम्बुलेंस नहीं आयी अंत में बहन की डिलीवरी घर पर ही हुई. किस्मत से मां और बच्चा दोनों ठीक है. एम्बुलेंस कर्मियों की म’नमानी को सदर अस्पताल प्रबंधक नवनीत चंद्रा भी सही नहीं मा’नते है और उन्होंने इस मा’मले में जांच कर कार्र’वाई की बात कही.
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