प्रशासन ने समूहों को काउंटर उपलब्ध कराये।बदरीनाथ आने वाले यात्रियों ने प्रसाद के इन पैकेटों को श्रद्धापूर्वक खरीदा। प्रसादम में चौलाई के लड्डू, माणा के निकट बहती सरस्वती नदी का पवित्र जल, मासी की धूप और तुलसी की माला थी। मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बताया कि पंच बदरी प्रसादम के अंतर्गत पंच बदरी काउंटर से आठ लाख , एसएचजी सप्लाई काउंटर से पांच लाख , एसएचजी सेलिंग लड्डू प्रसाद आफ माणा से चार लाख, एसएचजी सेलिंग सरस्वती नदी जल से तीन लाख, एसजीएच पंच शॉप से तीन लाख, एसजीएच सेलिंग तुलसी माला बदरीनाथ से आठ लाख रुपये की बिक्री हुई।
इस तरह इन समूहों को कुल 34 लाख 17 हजार रुपये प्राप्त हुए। इन स्वयं सहायता समूहों में 225 महिलाएं शामिल थीं। हर साल बदरीनाथ मंदिर को सजाने के लिए बाहर से लाखों रुपये के फूल मंगाए जाते हैं। बदरीनाथ मंदिर को सजाने के लिए स्थानीय फूलों का इस्तेमाल हो, इसके लिए उद्यान विभाग को जिला योजना से 15 लाख का बजट दिया गया। इससे उद्यान विभाग ने किसानों को जो बीज दिए वो खराब गुणवत्ता के थे। इस कारण किसानों को दिए गए फूलों के बीज उगे ही नहीं। इससे किसानों में हता’शा है।
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