नेपाल से चीन होते हुए कैलास मानसरोवर की यात्रा अब भारतीयों के लिए बहुत महंगी पड़ेगी। चीन ने अपने रेट में भा’री-भरकम वृ’द्धि कर दी है। वहीं चीन के इस रुख से नेपाल का पर्यटन उद्योग भी चिं’तित दिख रहा है।एक अनुमान के अनुसार हर साल इस रास्ते करीब 20 हजार भारतीय श्रद्धालु कैलास मानसरोवर जाते हैं। इसी रास्ते जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए चीन ने अपना रेट बढ़ाया है। इससे पहले नेपाल पर्यटन से जुड़े लोग एक भारतीय पर्यटक से केरुग के रास्ते मानसरोवर के लिए 130000 रुपए भारतीय, ल्हासा से मानसरोवर के लिए 230000 और हुमला से मानसरोवर के लिए 170000 यात्रा के लिए लेते थे। 
लेकिन अब चीन के नए रुख से केरुग के रास्ते 185000, ल्हासा के रास्ते 310000 और हुमला के रास्ते से 260000 रुपए भारतीय मानसरोवर जाने के लिए देना होगा।

लेकिन अब चीन के नए रुख से केरुग के रास्ते 185000, ल्हासा के रास्ते 310000 और हुमला के रास्ते से 260000 रुपए भारतीय मानसरोवर जाने के लिए देना होगा।
नेपाल कैलास यात्रा संघ के अध्यक्ष नारायण पोखरेल का कहना है कि इस यात्रा के लिए चीन हर साल रेट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करता है, लेकिन इस बार यह वृद्धि 40 फीसदी कर दी गई है। भारत से हर वर्ष करीब 20 हजार यात्री नेपाल के इन तीन रास्तों से चीन होते हुए कैलास मानसरोवर की यात्रा करते हैं।

उनका कहना है कि अब रकम अधिक बढ़ जाने के कारण कैलास मानसरोवर जाने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आ सकती है। वहीं नेपाल पर्यटन से जुड़े लोगों को भी नु’कसान होगा। पोखरेल ने बताया कि चीन का फारेन अब बहुत महंगा पड़ेगा नेपाल के रास्ते कैलास मानसरोवर की यात्रा करना, जानें…एक्सचेंज सेंटर रेट तय करता है।

Leave a Reply