लेकिन फ’र्जी कॉल सेंटर भी यहां से संचालित हो रहे हैं, जिनके माध्यम से दूर-द’राज में बैठे लोगों को ठ’गा जा रहा है। जिसका खुलासा किसी शि’कायत के सामने आने के बाद ही होता है।एसएसपी वै’भव कृष्ण ने कहा कि एफबीआई और कनाडा पुलिस द्वारा जो सूची दी गई थी, उस पर का’र्रवाई करते हुए उस दौ’रान अनेक फ’र्जी कॉल सेंटरों को प’कड़कर उनके खि’लाफ कार्र’वाई की गई थी। इसके अलावा भी पुलिस लगातार कॉल सेंटरों पर का’र्रवाई करती रहती है। उनके बारे में जानकारी जु’टाने का प्रयास किया जाता रहता है।पुलिस के अनुसार ये लोग विदेश में बैठे लोगों के कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक वायरस पॉप अप भेजते हैं. इसके बाद कम्प्यूटर धीमा हो जाता है. इसके बाद ये ठ’ग उस श’ख्स को कम्प्यूटर पर वायरस अटै’क का मैसेज भेजते हैं। थोड़ी देर बाद इन लोगों को सर्विस मैन का नंबर भेजते हैं. जब पी’ड़ति उस वायरस को दूर करने के लिए कॉल करता तो ये कॉल नोएडा के इन फ’र्जी कॉलसेंटर में आती है।
इसके बाद आ’रोपी जालसाज इस वायरस को ठीक करने के नाम पर कम्प्यूटर को रिमोट पर ले लेते. फिर इन्हें बताया जाता कि इनके कम्प्यूटर में कई तरह के वायरस है. फिर इस वायरस को दूर करने के नाम पर उनसे डॉलरों में पैसे ठ’ग लेते। इसके अलावा ये ठग कभी कनाडा या अमेरिकी पुलिस के अधिकारी बनकर टैक्स चो’री की बात कहकर ठ’गते हैं तो कभी जांच और जु’र्माने का ड’र दिखाकर भी ये लोगों से अपने खातों में पैसे मंगवाते है तो कभी उन्हें ला’लच देकर ठगते हैं, जिसमें उन्हें कभी टूर पैकेज तो कभी फ्री एयर टिकट का ला’लच देकर ठ’गा’ जाता है।
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