योगी सरकार के आगरा का नाम ब’दलने की चर्चाओं के बीच भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने भी अलीगढ़ का नाम बदलकर हरीगढ़ करने की बात करना प्रांरभ कर दिया है। अलीगढ़ का नाम बदलने की सबसे पहले कवायद कल्याण सिंह ने अपने मुख्यमंत्री रहते की थी, लेकिन केंद्र में कांग्रेस सरकार होने के चलते म’कसद में सफल न हो सके।शहरों का नाम बदलने की क’वायद आगरा को अग्रवन करने के साथ फिर से शुरु हो गई है। इसके साथ ही पिछले काफी समय से चली आ रही अलीगढ़ को हरिगढ़ करने की मांग उठने लगी है। योगीराज में वर्ष 2018 में आजमगढ़ का नाम आर्यमगढ़ करने का प्रस्ताव तैयार करने की तैयारी की गई थी।

जिसके साथ ही सांसद सतीश गौतम व शहर विधायक संजीव राजा ने अलीगढ़ को हरिगढ़ करने के मांग शासन स्तर पर की थी। हालांकि सबसे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने वर्ष 2015 में अलीगढ़ में एक प्रदेशव्यापी बैठक में प्रस्ताव पास कर अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की बात की थी।

जिसके साथ ही सांसद सतीश गौतम व शहर विधायक संजीव राजा ने अलीगढ़ को हरिगढ़ करने के मांग शासन स्तर पर की थी। हालांकि सबसे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने वर्ष 2015 में अलीगढ़ में एक प्रदेशव्यापी बैठक में प्रस्ताव पास कर अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की बात की थी।भाजपा महानगर उपाध्यक्ष सुबोध स्वीटी ने बताया कि तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने 1992 में मुख्यमंत्री रहते हुए शहर का नाम हरिगढ़ करने कोशिश की थी लेकिन थी लेकिन उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी, इसलिए उनकी कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं।

सूबे की तत्कालीन सीएम मायावती ने अपने अलग-अलग कार्यकाल में नए जिले बनाकर उनका नामकरण दलित व पिछड़े वर्ग से जुड़े संतों व महापुरुषों के नाम पर किया था। उस वक्त भाजपा ने इसका विरोध किया था।पूर्व में भी अलीगढ़ को उसकी प्राचीन नाम हरिगढ़ दिलाने की मांग उठाई जा चुकी है। शासन स्तर पर भी अवगत कराया गया है। हरिगढ़ नाम होना चाहिए। –सतीश गौतम, सांसद

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