प्रेमी-प्रेमिका रात के अं’धेरे में अपने में कुछ इस क’दर खोए थे कि उन्हें पता नहीं चला कि उन्हें देखने के लिए आसपास लोग ज’मा हो गए हैं। जब तक दोनों का इसका अह’सास हुआ, देर हो चुकी थी। फिर तो गांव वालों ने दोनों की ज’मकर क्लास ली। उनके माता-पिता को भी बुलावा भेजा, लेकिन वे नहीं आए। इसके बाद प्रेमिका ने जब प्रेमी पर शादी का द’बाव बनाया तो वह मुक’रने लगा। इसपर भ’ड़की प्रेमिका ने ध’मकी भरे ल’हजे में कहा कि वह कैसे शादी नहीं करेगा, देखती हूं। गांव की पंचायत ने तब दोनों की शादी कराने का फैसला किया और सोमवार दोनों की श्ाादी करा दी गई।रविवार की बेगूसराय के छौड़ाही ओपी क्षेत्र के पीरनगर गांव में देर रात प्रेमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी को ग्रामीणों ने सु’नसान जगह पर एक साथ देख लिया।
इसके बाद गांव में हाई वोल्टेज ड्रा’मा हुआ। सूचना देने के बावजूद बवाल शां’त कराने पुलिस नहीं पहुंची।पक’ड़ा गया युवक खोदावंदपुर था”ना क्षेत्र के बरियारपुर पश्चिमी निवासी सुरेंद्र महतो का 21 वर्षीय पुत्र किशन कुमार है। जबकि, युवती पीरनगर निवासी रामाशीष महतो की 18 वर्षीय पुत्री निर्मला कुमारी है। दोनों सजातीय हैं। स्थानीय लोगों की पंचायत ने प्रेमिकर के आग्रह पर दोनों की शादी कराने का फैसला किया। इस बाबत दोनों के स्वजनों को भी सू’चित किया। वहीं स्थानीय पुलिस व प्रशासन को भी सू’चना दी गई। रात भर हं’गामा होता रहा, लेकिन पुलिस-प्रशासन की टीम नहीं पहुंची। दोनों के स्वजन भी नहीं पहुंचे।इसके बाद सोमवार की सुबह अमारी पंचायत के सरपंच एवं गणमान्य लोगों ने प्रेमी-प्रेमिका का विवाह सोमवार की सुबह पांच बजे स्थानीय चौफेर शिव मंदिर में कराने का फैसला किया।
इसके अनुसार ग्रामीण महिलाओं ने मंगल गीत गाए। गांव के पुरुषों ने वर पक्ष की रस्म अदा की।खास बात यह है कि प’कड़े जाने के बाद प्रेमी शादी करने से इन’कार करने लगा। इसपर प्रेमिका भ’ड़क गई। उसने प्रेमी को खबरदार करते हुए कहा कि ‘तुम कैसे शादी नहीं करेगा, देखती हूं। प्रेमिका ने वहां मौजूद लोगों को दोनों के बीच की बातचीत, तस्वीरें आदि दिखाकर शादी का द’बाव बनाया। ग्रामीणों ने उसका साथ दिया। अंतत: प्रेमी सामाजिक द’बाव के आगे झु’कते हुए शादी कर पत्नी को वि’दा करा अपने घर ले गया।प्रेम प्रसंग के इस मा’मले को शादी के मुकाम तक पहुंचाने में अमारी पंचायत की सरपंच हेमा देवी व मुखिया पूनम शर्मा सहित समाजसेवी उमेश शर्मा, अरविंद कुमार महतो, राम विनोद महतो, मनोज महतो, राम बालक महतो आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
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