ध्रुव ने कहा, ”मैं इनमें से एक का मा’रेंगो सचिन तेंदुलकर रखा रहा हूं क्योंकि सचिन मेरे पसंदीदा क्रिकेटर हैं।”बता दें कि मा’रेंगो सचिन तेंदुलकर (Marengo Sachin Tendulkar) प्रजाति की यह मकड़ी केरल, तमिलनाडु और गुजरात में पाई जाती है। मा’रेंगो सचिन तेंदुलकर प्रजाति की मकड़ी की खोज ध्रुव ने 2015 में की थी, लेकिन उस पर रिसर्च और पहचान का काम 2017 में पूरा हुआ।उन्होंने आगे बताया, ”दूसरा नाम संत कुरियाकोस इलियास चावरा से प्रेरित है। वह केरल में शिक्षा के क्षेत्र में जागरुकता पैदा करने वाले रहे हैं।” उन्होंने बताया, ”ये दो नई प्रजातियां एशियन जंपिंग स्पाइडर्स के जीन्स इंडोमैरेंगो और मैरें’गो का हिस्सा हैं।” ध्रुव द्वारा यह अध्ययन रूसी जर्नल में अर्थरोपोड़ स्लेक्टा शीर्षक से सितंबर अंक में छपी है।
मकड़ी की इस नई प्रजाति का नाम सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा गया, जानें…

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