उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2020 से राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। लड़कियां पढ़ी-लिखी होंगी तो बढ़ती आबादी का प्रतिशत भी घटेगा। जब हमने बिहार का काम संभाला तो राज्य का प्रजनन दह 4.3 प्रतिशत था जो घटकर 3.3 प्रतिशत पर आया गया है। हर दस साल पर बिहार की आबादी 24 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसी दर को कम करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में पल्स टू तक की पढ़ाई की सुविधा बहाल की जा रही है। सवालिये लहजे में कहा पता नहीं शिक्षक क्या-क्या बोलते हैं? पर, हमने बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की। हर जिले में इंजीनियरिंग, जीएनम, महिला आईटीआई आदि की स्थापना हो रही है। अनुमंडल स्तर पर एएनएम, आईटीआई आदि खुल रहे हैं। ताकि बिहार के बच्चों को मजबूरी में शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद की आजादी में बड़ी भूमिका थी। वे देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे। उनके ना चाहते हुए भी देश का विभजान हो गया तो उन्होंने अल्पसंख्यकों से अपील की कि वे देश को छोड़ कर नहीं जाएं।
उनकी अपील का असर हुआ देश छोड़कर जाने वालों की संख्या में काफी कमी आई। उन्होंने कहा कि विकास के कार्य के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि समाज में प्रेम और भाईचारा का माहौल रहे। समाज में शांति रहेगी, तभी विकास भी तेज होगा। नई पीढ़ी के अंदर आपसी द्वे’ष, घृ’णा और घ’मंड का भाव नहीं आना चाहिए। महात्मा गांधी और मौलाना आजाद के विचारों के अनुसार ही हमलोग 14 सालों से बिहार में विकास का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न सं’कट को कम करने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है।
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