नेपाल बॉर्डर से करीब होने के कारण मुजफ्फरपुर जंक्शन संवेदनशील माना जाता है। यहां सुरक्षा के लिए टिकट घर, पूछताछ काउंटर के पास और आरपीएफ पोस्ट के पीछे 3 स्कैनिंग मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों के जरिए आने-जाने वाले यात्रियाें के सामान की जांच करनी है। इसकी जिम्मेदारी आरपीएफ को दी गई है। इन मशीनों को 24 घंटे काम करना है। सोमवार को दैनिक भास्कर ने इन मशीनों की पड़ताल की।
इस दौरान दो मशीनें बंद पड़ी थीं। यात्री बेराेक-टाेक अपने सामान के साथ प्लेटफॉर्म पर आते-जाते रहे। ऐसे में किसी संदिग्ध के प्रवेश करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। यह लापरवाही यात्रियों के लिए मुसीबत बन सकती है। यात्रियों की सुरक्षा पर जब संवाददाता ने आरपीएफ इंस्पेक्टर पीएस दूबे का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि मशीन 24 घंटे काम नहीं करेगी। संदिग्ध सामान की ही जांच करेंगे।
यात्रियों के लिए खतरा बन सकती है लापरवाही, आरपीएफ ने कहा-24 घंटे नहीं काम करेगी मशीन, संदिग्ध सामान की ही करेंगे जांच
बिना जांच कराए निकल गए यात्री इधर-उधर घूम रही थी महिला सिपाही
टीम दाेपहर 1:39 बजे पूछताछ काउंटर के पास पहुंची। वहां स्कैनिंग मशीन बंद पड़ी थी। लगेज की जांच के लिए तैनात महिला सिपाही इधर-उधर घूम रही थी। उसके सामने से काफी संख्या में यात्री अपने लगेज लेकर प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे थे। इससे पहले जंक्शन के पश्चिमी ओर से इंट्री प्वाइंट पर दाेपहर 1:29 मिनट पर जब टीम ने पड़ताल की ताे वहां भी स्कैनिंग मशीन बंद मिली। इस लापरवाही की वजह से मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी करने का रास्ता काफी आसान हो जाता है क्योंकि ट्रेन में कभी-कभी ही चेकिंग होती है।
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