मुजफ्फरपुर ज़िले के सदर अस्पताल से एक स्वास्थ्यकर्मी को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसपर सदर अस्पताल से एन्टी रेबीज इंजेक्शन बेचने का आरोप है। दवा कंपनी के एमआर के निशानदेही पर उसे गिरफ्तार किया गया हैं। हरियाणा पुलिस ने 497 एन्टी रेबीज इंजेक्शन जप्त किया था। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने उक्त स्वास्थ्य कर्मी और गिरफ्तार एम आर को नगर थाना में पुलिस अभिरक्षा में रखा है। हरियाणा पुलिस उसे न्यायालय में पेश करनोपरांत अपने साथ हरियाणा ले जाएगी।
मार्च में हुई दोस्ती
बता दे कि ओरिसा के रायगड़ा निवासी अनिरुद्ध गौर मुंबई के निजी दवा कंपनी में एम आर का काम करता है। जहां से बिहार सरकार एन्टी रेबीज इंजेक्शन खरीदती है। अनिरुद्ध गौर अक्सर मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल आता रहता है। इसी दौरान मार्च में उसकी दोस्ती नीलेश कुमार से हो गई। नीलेश सदर अस्पताल में ओटी असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है।

नगर थाना से निकलती हरियाणा पुलिस
1500 से 2000 में बेचता था इंजेक्शन
नीलेश और अनिरुद्ध की दोस्ती गहरी हो गई। उसके बाद दोनो ने मिलकर खेल शुरू किया। नीलेश फर्जी तरीके से मरीजों का पर्ची कटवाता था। इसके बाद इंजेक्शन को अनिरुद्ध गौर से एक इंजेक्शन 400 रुपया में बेच देता था। इसके बाद अनिरुद्ध उसी इंजेक्शन को 1500 से 2000 के बीच में हरियाणा के दवा सप्लायर प्रवीण को बेचता था।
हरियाणा और ओरिसा का तस्कर भी गिरफ्तार
इसकी भनक हरियाणा पुलिस को लग गई। हरियाणा पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्यवाई करते हुए प्रवीण को गिरफ्तार किया। उसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ की गई। जिसमें प्रवीण ने ओरिसा के अनिरुद्ध गौर के बारे में पुलिस को बताया। हरियाणा पुलिस ने अनिरुद्ध गौर को भी ओरिसा से गिरफ्तार कर लिया। अनिरुद्ध ने बताया कि वो मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में कार्यरत नीलेश से रेबीज इंजेक्शन खरीदता था। जिसके बाद पुलिस अनिरुद्ध गौर को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर पहुँची। वरीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सोमवार की देर रात नीलेश को गिरफ्तार कर लिया। नीलेश और अनिरुद्ध को नगर थाना में हाजत में रखा गया है। मंगलवार को न्ययालय में पेश करने के बाद उसे हरियाणा पुलिस नीलेश और अनिरुद्ध को पुलिस अभिरक्षा में अपने साथ ले जाएगी।
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