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BigBreaking: लघुग्रह 29 अप्रैल को पृथ्‍वी से नहीं ट’कराएगा, ड’रने वाली बात सन 2079 में होगी…

कोरोना सं’क्रमण से इन दिनों दुनिया दह’शत में है तो दूसरी ओर एक विशा’ल लघुग्रह के धरती पर ट’कराने का ड’र लोगों को अलग से सताने लगा है। यह लघुग्रह 29 अप्रैल को धरती के करीब पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों ने इस लघुग्रह से प्र’लय आने जैसी किसी भी आशंका को पूरी तरह नकार दिया है। उनका कहना है कि लघुग्रह पृथ्‍वी से काफी दूर से गुजरेगा। हां डरने वाली बात सन 2079 में हो सकती है, जब ग्रह पृथ्‍वी से महज 18 किमी दूर से गुजरेगा।

लघुग्रहों के ट’कराने से खत्‍म हुए डायनासोर

माना जाता है कि धरती पर प्रलय अतीत में लघुग्रहों के कारण ही आया होगा तभी डायनासोर जैसे विशालाकाय जीवों का अस्तित्व खत्‍म हुआ होगा। लघुग्रह हमारे सौर परिवार के सदस्य हैं। पृथ्वी के समान ये भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। मंगल व बृहस्पति ग्रह के बीच ये लाखों-करोड़ों की संख्या रहते हैं, जो कभी कभार बृहस्पति के गुरुत्व से छिटकर धरती के करीब आ जाते हैं। जिस कारण इनके पृथ्वी से ट’कराने की आशंका बनी रहती है। यही वजह है कि दुनिया की अंतरिक्ष एजेंसियों की नजर इन पर टिकी रहती है।

63 लाख किमी की होगी धरती से दूरी

इधर अप्रैल में धरती के करीब आ रहा लघुग्रह का आकार करीब चार किमी माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम 52768 व 1998 ओआर-2 दिया है। इसकी कक्षा चपटी है। इसकी खोज 1998 में हो गई थी। तभी से इस पर वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं। सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 1344 दिन का समय लग जाता है।  यह जितना विशाल है, यदि धरती से टकरा गया तो इसमें जरा भी संदेह नहीं कि महाविना’श ला सकता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा तो धरती व इसके बीच की दूरी 63 लाख किमी की होगी।

यही ग्रह 2079 में धरती के पास से गुजरेगा

इतनी कम दूरी बेहद ख:तरनाक लघुग्रहों में मानी तो जाती है, परंतु इसके धरती से टकराने की आशंका नहीं की जा सकती। लिहाजा इन दिनों इंटरनेट व सोशल मीडिया में चल रही अफवाहें निराधार हैं। भविष्य में यह ग्रह इससे भी बहुत करीब से होकर गुजरेगा। वैज्ञानिकों ने इसकी गणना भी कर ली है, जो 16 अप्रैल 2079 में धरती के पास से गुजरेगा। तब धरती से इसकी दूरी मात्र 18 किमी रह जाएगी। इतनी दूरी में भी इसके धरती से ट’कराने की संभावना नहीं बन सकती।

धरती के करीब से गुजरते रहते हैं लघुग्रह

भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के सेनि वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर का कहना है कि अगले माह धरती के करीब से गुजर रहे लघुग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना बिलकुल नहीं है। ऐसे कितने ही लघुग्रह हैं, अक्सर धरती के करीब से होकर गुजरते रहते हैं।

टकराने से रोका जा सकता है लघुग्रहों को

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे का कहना है कि विज्ञान इतना उन्नत हो चुका है कि धरती से टकराने वाले किसी भी पिंड अथवा लघुग्रह को टकराने से रोक सकता है। इसलिए लघुग्रह 52768 के धरती के टकराने की आशंका बेमतलब की जा रही है।

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