जंक्शन के पश्चिमी छाेर स्थित रामदयालुनगर व कपरपुरा लाइन के ज्वाइंट पर बीते बुधवार शाम सिग्नल फेल हाेने के कारणाें का अब तक काेई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, पर सिग्नल विभाग के कई कर्मी संदेह के घेरे में हैं। इन कर्मियाें से आरपीएफ पूछताछ कर रहा है। मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बंद बक्से के अंदर के तार काे किसने हटाया, इसकी चाबी ताे सिर्फ 3 कर्मियाें के पास रहती है।
दूसरा बड़ा सवाल यह है कि जब 6.50 बजे शाम में सिग्नल फेल हुआ और ट्रेनें विभिन्न स्टेशनाें पर फंस गईं ताे सिग्नल विभाग ने आरपीएफ काे ऑफिशियली रात 10.30 बजे क्याें सूचित किया और रात 2 बजे क्याें एफआईआर हुई? यूं ताे इन सभी सवालाें के जवाब जांच के बाद ही सामने आएंगे। बहरहाल, प्रथम दृष्ट्या चाबी रखनेवाला कर्मी ही शक के घेरे में है।
रेलवे सूत्राें के अनुसार पहले यह अफवाह फैली कि किसी अपराधी ने जंक्शन के बाॅक्स नंबर 22 के अंदर का तार डिस्कनेक्ट कर दिया। लेकिन, जब जांच की गई ताे बाॅक्स बंद पाया गया। बाॅक्स पर काेई खराेंच आदि भी नहीं था। भीतर में कुछ पार्ट टूटे थे जिसे आरपीएफ ने जब्त कर लिया। अब सवाल है कि बाहर के किसी अपराधी ने बाॅक्स काे बगैर ताेड़े तार डिस्कनेक्ट कैसे कर दिया?


बॉक्स लोग छू चुके थे, स्मैल मिक्स हो गया
गुरुवार सुबह डाॅग स्क्वैड की टीम के साथ आरपीएफ के नवपदस्थापित सीनियर कमांडेंट शिवशंकरण भी पहुंचे। हाल में बेंगलुरू से ट्रेनिंग लेकर आए मैक्स नामक डाॅग से बाॅक्स की जांच कराई गई। लेकिन, सफलता नहीं मिली। डाॅग के हैंडलर अमित कुमार की मानें ताे बाॅक्स काे कई लाेग हाथ से छू चुके थे, इसलिए स्मैल मिक्स हाे गया था।

‘जांच में पाया गया कि बाॅक्स के अंदर का तार डिस्कनेक्ट था। लेकिन, तार डिस्कनेक्ट करनेवाले व्यक्ति ने फिर से बाॅक्स काे बंद कर दिया था। इसकी चाबी सिग्नल विभाग के पास ही रहती है। ऐसे में मेंटेनर से पूछताछ की जा रही है। शीघ्र ही इसका खुलासा कर लिया जाएगा।’
-शिवशंकरण, सीनियर कमांडेंट, आरपीएफ।

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