शनिवार सुबह गोपालगंज के रिजवान समेत 18 भारतीय छात्र इवानो से हंगरी बॉर्डर पहुंच गए हैं। लेकिन, हंगरी बॉर्डर पर गाड़ियों की लंबी कतार के कारण उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है। छात्रों ने वीडियो जारी कर भारतीय दूतावास से अपील की है। मेडिकल स्टूडेंट रिजवान ने बताया कि 700 किलोमीटर का सड़क मार्ग का सफर तय कर इवानो से पहुंचे हैं।
भारतीय समय के अनुसार सुबह 7:00 बजे वे लोग बॉर्डर पर पहुंच चुके थे। लेकिन, गाड़ियों की लंबी कतार के कारण उन्हें 1.5 घंटे से इंतजार करना पड़ रहा है। हंगरी बॉर्डर पर कड़ी निगरानी के बीच एंट्री दी जा रही है। लेकिन, निराश रिजवान ने बताया कि भारतीय दूतावास का कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं है। लिहाजा भारतीय मूल के छात्रों को एंट्री नहीं मिल पा रही है। वहां अभी लगभग -2 डिग्री सेल्सियस तापमान है।
हंगरी बॉर्डर पर पहुंचे रिजवान समेत 18 छात्र।
छात्रों ने मदद की लगाई गुहार
छात्रों का कहना है कि बॉर्डर पर जो सिक्योरिटी है वह एंट्री नहीं करने दे रही है। छात्रों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। ताकि हंगरी में इन छात्रों को एंट्री मिल सके। वहां से एयरलिफ्टिंग कर वतन वापस लाए जाने की उन्हें सूचना मिली थी। 25 फरवरी को भारतीय दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी में यह कहा गया था कि छात्रों को पश्चिम बॉर्डर से हंगरी के रास्ते वहां से निकाला जाएगा। साथ ही उन्हें कोविड वैक्सीन के दोनों डोज के सर्टिफिकेट, पासपोर्ट और अपनी गाड़ियों पर भारतीय झंडा लगाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कंट्रोल रूम बनने के बाद चेक पॉइंट पर जारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने के लिए कहा था। लेकिन, छात्रों ने बताया कि अभी किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।
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